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फैक्ट चेक: आग में झुलसे मेरठ के शख्स का ये वीडियो पांच साल पुराना है, आत्मदाह का था ये मामला

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो 2020 का है, जब मेरठ के अश्वनी लोधी ने एक दरोगा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए खुद को आग के हवाले कर दिया था. दरोगा को उस वक्त निलंबित कर दिया गया था.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
रिश्वत न मिलने पर मेरठ में एक दरोगा ने हाल ही में इस आदमी को जिंदा जला दिया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो साल 2020 का है, जब मेरठ के अश्वनी लोधी ने एक दरोगा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए आत्मदाह किया था. दरोगा को उस वक्त निलंबित कर दिया गया था.

उत्तर प्रदेश के मेरठ का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल है, जिसमें आग से बुरी तरह झुलसा हुआ एक शख्स अपनी आपबीती सुना रहा है. लोगों की मानें तो रिश्वत देने से इंकार करने की वजह से एक दरोगा ने इस आदमी को हाल ही में जिंदा जला दिया. वीडियो में ये शख्स बोलता है कि उसकी मौत का कारण दरोगा राज पूनिया होगा, जो उससे हर महीने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगता रहता है. 

इसे फेसबुक पर शेयर करते हुए एक शख्स ने लिखा, “योगी आदित्यनाथ के रामराज में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार लगातार जारी है, यादव, कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, चौहान, प्रजापति के बाद अब लोधी समाज की बारी है मेरठ से एक प्रकरण प्रकाश में आया है कि आटो रिक्शा चालक अश्वनी लोधी को दरोगा ने जिन्दा जलाया वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है! अश्वनी लोधी का सिर्फ यह कसूर था कि वह दरोगा को रिश्वत नहीं देना चाहता था! प्रकरण की जाँच कर आरोपियों पर कठोर से कठोर कार्यवाही हो!”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो 2020 का है, जब मेरठ के अश्वनी लोधी ने एक दरोगा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए खुद को आग के हवाले कर दिया था. दरोगा को उस वक्त निलंबित कर दिया गया था. 

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च की मदद से हमें ये वीडियो 19 जनवरी, 2020 के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. इस पोस्ट में वायरल वीडियो के अलावा किसी इमारत के बाहर लोगों के हुजूम की तस्वीरें भी मौजूद हैं. पोस्ट में जानकारी दी गई है कि ऑटो चालक अश्वनी लोधी का शव जब मेरठ पहुंचा तो उनके परिजनों ने मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. इतना तो यहीं साफ हो जाता है कि ये घटना हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि पुरानी है. 

इसके बाद हमें इस घटना से जुड़ी 2020 की कई न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं. इनके मुताबिक, एक दरोगा पर वसूली का आरोप लगाते हुए 12 जनवरी, 2020 को मेरठ के एक टेंपो चालक ने खुद को आग के हवाले कर दिया. पीड़ित अश्वनी लोधी ने तब आरोप लगाया था कि जब वो मलियाना पुल के पास खड़े थे तो दरोगा राजदेव पूनिया उनसे वसूली करने आए. जब उन्होंने दरोगा का विरोध किया तो उन्होंने अश्विनी का चालान काट दिया, जिसके बाद दोनों के बीच कहासुनी हुई. परेशान होकर अश्विनी ने पास खड़ी बाइक से पेट्रोल निकालकर खुद को आग लगा ली. 

खबरों के मुताबिक, अश्विनी, टीपीनगर थाना क्षेत्र की चंद्रलेखा पार्क कालोनी का निवासी था. मामले की जानकारी मिलने पर राजदेव पूनिया को निलंबित कर दिया गया था. अश्विनी को केएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में रेफर किया गया था. लेकिन, उपचार के दौरान 19 जनवरी, 2020 को अश्विनी की मौत हो गई. 

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मामले को लेकर हमें उस वक्त पुलिस अधीक्षक रहे अखिलेश नारायण सिंह का बयान भी मिला. इसमें अखिलेश बताते हैं कि आत्मदाह करने वाले ऑटो चालक अश्विनी को उप निरीक्षक राजदेव पूनिया ने थप्पड़ मारा था, जिससे और कुछ अन्य बातों से नाराज होकर अश्विनी ने खुद को आग के हवाले कर दिया. मामले में राजदेव पूनिया को निलंबित कर दिया गया था. 

 

हमने मेरठ से आजतक संवाददाता उस्मान चौधरी से भी संपर्क किया. उन्होंने हमसे इस बात की पुष्टि की कि ये घटना मेरठ में साल 2020 में हुई थी, जब इस शख्स ने एक दरोगा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए आत्मदाह कर लिया था. 

साफ है, 2020 के एक पुराने मामले को हाल ही का बताते हुए शेयर किया जा रहा है.

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