नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाकर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया है. इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर काफी घमासान मचा हुआ है. पाकिस्तानी सोशल मीडिया भी इस घमासान से अछूता नहीं है. इस फैसले के बाद भारत से लेकर पाकिस्तान तक सोशल मीडिया पर फर्जी दावों की भी बाढ़ आई हुई है. पाकिस्तानी पत्रकार अमीर अब्बास ने ट्विटर पर दो फोटो पोस्ट करके दावा किया कि कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं. इनमें से एक फोटो में जख्मी चेहरे के साथ एक लड़की दिख रही है, और दूसरी फोटो में एक छोटी बच्ची के साथ एक महिला दिख रही है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि अब्बास ने जो फोटो शेयर की है, वे दोनों ही कश्मीर के मौजूदा हालात से संबंधित नहीं हैं. पहली तस्वीर जहां गाजा की है, वहीं दूसरी तस्वीर करीब 15 साल पुरानी है.So are you proud of your gallantry in Kashmir? Shame and what a shame! Your brutal army kills innocent and unarmed Kashmiris. If this is ur benchmark of bravery and gallantry than we curse and curse on such a bravery. Don’t celebrate it rather feel ashamed and cry on it! https://t.co/uVASAJcDLm pic.twitter.com/OS8g2pKV41
— Ameer Abbas (@ameerabbas84) August 4, 2019
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
'पाकिस्तान बोल नेटवर्क' से जुड़े एंकर अमीर अब्बास ने 4 अगस्त को ट्विटर पर दो फोटो पोस्ट करके लिखा, “आपको कश्मीर में अपनी वीरता पर गर्व है? यह सिर्फ और सिर्फ शर्मनाक है! आपकी क्रूर सेना निर्दोष और निहत्थे कश्मीरियों को मारती है. यदि यह आपकी बहादुरी और शौर्य का पैमाना है तो हम ऐसी बहादुरी को बद्दुआ देते हैं. इसका उत्सव मनाने की जगह शर्म करो.”
स्टोरी लिखे जाने तक इस ट्वीट को करीब 1000 लोगों ने रीट्वीट किया है. इसी पोस्ट को फेसबुक पर भी शेयर किया गया है.
तस्वीर कहां की है, यह जानने के लिए हमने रिवर्स सर्च किया तो यह जानकारी सामने आई:
फोटो 1:
जख्मी चेहरे वाली लड़की की फोटो कश्मीर की नहीं है. यह तस्वीर 2014 की है जब गाजा में इजरायल ने हवाई हमला किया था. उस हमले की चपेट में आए एक अपार्टमेंट में रहने वाली राव्या अबू जोमा नाम की लड़की जख्मी हो गई थी.
यूनाइटेड नेशंस में पाकिस्तानी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने 2017 में कश्मीर में पैलेट गन से घायल युवाओं के संदर्भ में इस तस्वीर का फर्जी इस्तेमाल किया था.
'द गार्जियन' में प्रकाशित एक फोटो गैलरी में बताया गया है कि यह फोटो अमेरिकन फोटोग्राफर Heidi Levine ने खींची है.
फोटो 2:
दूसरी तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि यह तस्वीर फोटो एजेंसी रायटर्स की है और इसे Danish Ismail ने खींची है. इस फोटो के कैप्शन में लिखा है, “17 फरवरी, 2004 में श्रीनगर में एक धमाके के बाद अपने परिजनों के हिरासत में लिए जाने के बाद रोती हुई लड़की. मंगलवार दोपहर को एक स्कूटर में लगाए गए विस्फोटक ने श्रीनगर को दहला दिया, लेकिन पुलिस ने बताया कि धमाके में कोई भी जख्मी नहीं हुआ है. (REUTERS/Danish Ismail FK/BM)”
इस तरह से स्प्ष्ट है कि कश्मीर में फिलहाल जो कुछ घट रहा है, उससे इन दोनों तस्वीरों का कोई लेना देना नहीं है.