अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का एक पुराना वीडियो एक बार फिर वायरल हो गया है जिसमें गिलानी सुरक्षा बलों से दरवाजा खोलने की गुहार लगा रहे हैं. ये वीडियो ऐसे वक्त पर सामने आया है जब केंद्र ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया है और घाटी के सभी कट्टर अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है.
45 सेंकेड के इस वीडियो में गिलानी के आदमी एक गेट को भीतर से धक्का देते दिख रहे हैं. गिलानी, गेट में बने एक झरोखे से सुरक्षाकर्मियों से बातचीत कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वो यहां से उड़कर गायब नहीं हो जाएंगे. फेसबुक पेज “योगी आदित्यनाथ की सेना” ने बुधवार को ये पोस्ट किया ‘ देख लो इस गद्दार #गिलानी की हालत कैसे छटपटा रहा है. धन्यवाद मोदी जी.’
पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देख सकते हैं. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पाया कि ये दावा भ्रामक है, ये वीडियो पिछले साल का है और ये गिलानी के मौजूदा नजरबंदी का नहीं है. ये वीडियो पिछले साल वायरल हुआ था जब जम्मू कश्मीर सरकार ने उन्हें दूसरे अलगाववादी नेताओं के साथ नजरबंदी से आजाद करने का ऐलान किया था.
पाकिस्तानी पत्रकार इरशाद भट्टी ने 4 अगस्त को ये वीडियो ट्वीट किया था.
دروازہ کھولو۔۔
ہم کہیں اُڑ تھوڑی جائیں گے۔۔
دروازہ کھولو۔۔
تمھاری جمہوریت کا جنازہ نکل رہا ہے۔۔
دروازہ کھولو۔۔
نظر بند سید علی گیلانی کا بھارتی فوجیوں سے مکالمہ۔۔ pic.twitter.com/qwNmoFRvtt
— Irshad Bhatti (@IrshadBhatti336) August 4, 2019
उर्दू में लिखे इस पोस्ट में इरशाद ने लिखा “ दरवाजा खोलो, हम कहीं और चले जाएंगे. दरवाजा खोलो. तुम्हारे लोकतंत्र का जनाजा निकल रहा है. सैयद शाह गिलानी भारतीय फौज से बात कर रहे हैं ”
पाकिस्तान की कई मीडिया कंपनियों ने भी इस वीडियो साझा किया
इनविड टूल के जरिए जब हमने इस वीडियो फ्रेमस की पड़ताल की तो हमें ये वीडियो श्रीनगर के एक मीडिया हाउस ग्रेटर कश्मीर के यूट्यूब पर मिला.
इससे जुड़ी खबर भी ग्रेटर कश्मीर वेबसाइट पर छपी थी. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक ये वीडियो अप्रैल 2018 का है जिसमें गिलानी पुलिस वालों से गेट खोलने की अपील कर रहे हैं शोपियां में उन्हें नजरबंद किया गया था,
हमें ऐसी ही खबर “News 18” में भी छपी मिली जो वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद लिखी गई थी.ये रिपोर्ट कहती है कि दोनों नेताओं को 8 साल की नजरबंदी के बाद रिहा किया गया.
साफ हो गया कि ताजा दावा भ्रामक है और गिलानी का ये वीडियो एक साल पुराना है और इसे पाकिस्तानियों द्वारा जानबूझकर फैलाया जा रहा है जबकि घाटी में इंटरनेट पर फिलहाल रोक लगी है.