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फैक्ट चेक: रूस में भूकंप आया, सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की सुनामी

30 जुलाई को रूस के कामचटका में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर कई फर्जी वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें भूकंप और सुनामी से जुड़ी घटनाएं बताई जा रही हैं, लेकिन जांच में पता चला कि ये वीडियो या तो पुराने हैं या फिर अलग देशों से संबंधित हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये सभी वीडियो रूस में 30 जुलाई को आए भूकंप के असर को दिखाते हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
इन वीडियो का रूस के भूकंप से कोई संबंध नहीं है. ये पुराने हैं और अलग-अलग जगहों के हैं.

रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 30 जुलाई को 8.8 तीव्रता का भयानक भूकंप आया. ऐसा कहा जा रहा है कि ये दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप है. इस भूकंप ने प्रशांत महासागर में सुनामी का खतरा भी बढ़ा दिया है. खबरों के मुताबिक, कामचटका में 5 मीटर तक ऊंची सुनामी आई है जिसकी वजह से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है. 

इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें से कुछ सही हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनका इस भूकंप से कोई संबंध नहीं. इस खबर में हम ऐसे ही कुछ वीडियो की सच्चाई बताएंगे जो भ्रामक दावों के साथ शेयर किये जा रहे हैं. 

पहला दावा

इस वीडियो में किसी तट पर व्हेल जैसे दिख रहे जानवरों के समूह को देखा जा सकता है. वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि ये रूस के उसी कामचटका क्षेत्र का है जहां भूकंप आया. दावे के मुताबिक, ये बेलुगा व्हेल हैं जिन्हें एक दिन पहले ही भूकंप का अंदेशा हो गया था और वो बहकर किनारे पर आ गई थीं. ये एक तरह की प्रकृति की चेतावनी थी कि भूकंप आने वाला है लेकिन कोई ये समझ नहीं पाया. 

सच ये है कि ये वीडियो है तो कामचटका का ही लेकिन अगस्त 2023 का है. उस समय कामचटका के टिगिल्स्की जिले में समुद्र किनारे ये बेलुगा व्हेल आ गई थीं जिन्हें वहां के मछुआरों ने बचाया था. इसका भूकंप से कोई संबंध नहीं है. 

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दूसरा दावा

किसी दुकान में कंपन से सामान को गिरते हुए दिखाता एक वीडियो भी रूस के भूकंप का बताकर वायरल किया जा रहा है. लेकिन ये वीडियो भी रूस का नहीं बल्कि म्यांमार का है जब वहां इसी साल मार्च में सगाइंग क्षेत्र में भूकंप आया था. इस भूकंप का असर थाईलैंड में भी देखा गया था. इस आपदा में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. 

तीसरा दावा

रूस में आए भूकंप से प्रशांत महासागर में हलचल बढ़ गई है. इसी संदर्भ में ये वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें किसी बीच पर समुद्र की ऊंची लहरों का पानी आता हुआ दिख रहा है. कहा जा रहा है कि ये वीडियो रूस का है और ये वहां आए भूकंप का असर है.

मगर हमारी जांच में पता चला कि ये 2017 का दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर का वीडियो है. वहां 12 मार्च, 2017 को नॉर्थ बीच से ऊंची लहरें टकाराई थीं जिससे ये बीच बंद करना पड़ा था. ये उसी से पहले का  वीडियो है. 

चौथा दावा

इसी कड़ी में एक अन्य वीडियो भी शेयर हो रहा है जिसमें किसी तट से समुद्र की जोरदार लहरों को टकराते हुए देखा जा सकता है. ये लहरें वहां मौजूद नावों को बहा कर ले जा रही हैं.

इसे भी रूस का हालिया वीडियो बताया जा रहा है. लेकिन ये वीडियो 2017 का है और ग्रीनलैंड का है जब वहां सुनामी आने से एक गांव में तबाही मच गई थी. 

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