प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही है. इस फोटो में वो एक हरा झंडा लहराते नजर आ रहे हैं, जिनमें धार्मिक निशान बने हैं. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
इस वायरल फोटो को फेसबुक के एक पेज 'भाषण या राशन' ने इसी साल 29 जनवरी को पोस्ट किया. पोस्ट में शीर्षक लिखा गया 'आ गए अपनी असलियत पर, भक्तों मर जाओ अब कहीं जाकर'. इस फोटो पर 8,500 से भी ज़्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज की हैं और लगभग 1400 लोगों ने इसे शेयर भी किया.

तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी धार्मिक निशानों वाले हरे रंग का एक झंडा लहराते नज़र आ रहे हैं, इस पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें .
AFWA ने इस तस्वीर का रिवर्स सर्च किया तो सारी सच्चाई सामने आ गई. असली तस्वीर पिछले साल 25 दिसंबर को खींची गई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में बोगीबिल पुल का उद्घाटन करने गए थे. प्रधानमंत्री वहां से रवाना हो रही पहली रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखा रहे थे.
असली फोटो आप प्रेस सूचना ब्यूरो पर भी देख सकते हैं.

असल तस्वीर में प्रधानमंत्री के हाथ में एक हरे रंग की झंडी है, जो किसी भी नई रेलगाड़ी की शुरुआत के वक्त दिखाई जाती है और इसमें कोई चांद तारे नहीं हैं. ट्विटर पर एक यूज़र ने इस झूठी खबर के बारे में जानकारी साझा की थी.

यूज़र ने यह भी दावा किया कि फेसबुक पर इस पोस्ट को 'भाषण या राशन' पेज ने स्पांसर भी किया था. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम की तफ्तीश से ये साफ़ हो जाता है कि प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई.