सोशल मीडिया पर पुलवामा के शहीदों को लेकर राजनेताओं को निशाना बनाने का काम बदस्तूर जारी है. 16 सेकेंड की एक क्लिप इन दिनों वायरल है, जिसमें ये दिखाया जा रहा है कि तिरंगे में लिपटे एक शहीद के पार्थिव शरीर के सामने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हंस रहे हैं और लोगों से बात कर रहे हैं.
इस वीडियो में ये तंज किया जा रहा है कि ये एक शहीद को दिए जाने वाली श्रद्धांजलि है. इस वीडियो को फेसबुक के साथ साथ दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों पर जमकर शेयर किया जा रहा है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच में पाया कि ये दावा गलत है. योगी किसी शहीद के पार्थिव शरीर के सामने नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के पार्थिव शरीर के सामने हंसते पाए गए थे.
घटना अक्टूबर 2018 की है, इस वीडियो के आने के बाद तब बीजेपी की खूब फजीहत हुई थी. फेजबुक पेज Awaaz tak पर ये वीडियो पोस्ट किया गया और कहा गया “शहीद के शव के पास बैठ कर बिलख बिलख कर रोते हुए देखो योगी आदित्य नाथ को ”. इस वीडियो में आदित्यनाथ को दूसरे लोगों के साथ बात करते और मुस्कुराते देखा जा सकता है. खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को 2 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है.
फेसबुक के कई दूसरे यूजर्स ने भी इसी वीडियो को इस गलत दावे के साथ साझा किया है.
हमने इनविड के जरिए जांच की और पाया कि इस वायरल वीडियो का कुछ हिस्सा उसमें दिखा. जब हमने रिवर्स सर्च का सहारा लिया तो इस बारे में नवजीवन वेबसाइट पर 22 अक्टूबर,2018 की एक खबर दिखी .
इस लेख में यही वीडियो लगा था और इसमें लिखा था कि एनडी तिवारी के निधन पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे योगी आदित्यनाथ वहां हंसी ठट्टा कर रहे थे. तब भी ये वीडियो वायरल हुआ था और लोगों ने योगी के इस व्यवहार पर काफी ऐतराज जताया था. बिहार के मौजूदा गवर्नर लालजी टंडन और यूपी के दो मंत्री भी इस वीडियो में देखे जा सकते हैं। यूट्यब चैनल Newstak ने भी इस घटना की कवरेज की थी.
इंडिया टुडे ये पुख्ता करता है कि ये वीडियो पिछले साल का है और पुलवामा के किसी शहीद से इसका कोई लेना देना नहीं है.