दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लगभग 50 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान सोशल मीडिया पर ऐसी कई भ्रामक पोस्ट वायरल हो चुकी हैं जिनके जरिए किसान आंदोलन को एक सम्प्रदाय से जोड़ा जा रहा है. अब इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट वायरल होने लगी है. पोस्ट में एक तस्वीर है जिसको देखने में ऐसा लग रहा है कि एक सिख व्यक्ति मस्जिद की नमाज में शामिल है. दावा किया जा रहा है कि ये व्यक्ति किसान रैली में गया था लेकिन मस्जिद में लौटने के बाद अपनी पगड़ी उतारना भूल गया. साथ ही, पोस्ट में ये भी कहा गया है कि किसान आंदोलन की आड़ में जिहादी लोग अपना एजेंडा चला रहे हैं.
He went to attend ‘Kissan Rally’, forgot to remove his head gear on return to mosque.His agenda could be anything but their welfare.
— Harinder S Sikka (@sikka_harinder) January 12, 2021
Pls help in sharing this pic. In the name of Farmer’s Bill we’ve Jihadi,communists & traitors washing their dirty linen?@narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/vMCXUchcP4
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीर जनवरी 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.
लेखक हरिंदर सिक्का ने इस तस्वीर को अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए लिखा, "ये आदमी 'किसान रैली' में हिस्सा लेने गया था लेकिन मस्जिद में लौटने पर पगड़ी उतारना भूल गया. लोगों का कल्याण छोड़कर इसका एजेंडा कुछ भी हो सकता है. इस तस्वीर को साझा करने में मदद करें. किसान बिल के नाम पर हमारे यहां जिहादी, कम्युनिस्ट और गद्दार हैं जो बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं."
इसी दावे के साथ ये तस्वीर फेसबुक पर भी वायरल हो रही है. कुछ यूजर्स इस तस्वीर को "गंगाधर ही शक्तिमान है" का कैप्शन लिखकर भी ट्वीट कर रहे हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
क्या है सच्चाई?
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि 2016 में भी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी. एक फेसबुक यूजर ने तस्वीर को 22 जनवरी 2016 को शेयर किया था. 2016 में ही कुछ लोगों ने वायरल तस्वीर के साथ ऐसी ही कुछ अन्य तस्वीरें भी पोस्ट की थीं. ये तस्वीरें जनवरी 2016 में एक न्यूज वेबसाइट ने भी प्रकाशित की थी.
— shanoor (@shanoor20290505) October 12, 2016
पड़ताल में हमें ये पता नहीं चल पाया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति कौन है और ये तस्वीर कहां की है. लेकिन इस बात को पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है कि ये तस्वीर कम से कम पांच पुरानी है और भ्रामक दावों के साथ किसान आंदोलन से जोड़ी जा रही है.
तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति पगड़ी पहनकर किसान रैली में गया, लेकिन मस्जिद में लौटने के बाद पगड़ी उतारना भूल गया. किसान आंदोलन की आड़ में जिहादी लोग अपना एजेंडा चला रहे हैं.
तस्वीर जनवरी 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.