
सोशल मीडिया पर गृहमंत्री अमित शाह की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और कुछ नागा साधुओं के साथ बैठे नजर आ रहे हैं. तस्वीर के जरिये अमित शाह पर कटाक्ष किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि अमित शाह की वैज्ञानिकों के साथ बैठक चल रही है और जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन बनने वाली है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल तस्वीर फर्जी है. असली तस्वीर में फोटोशॉप की मदद से येदियुरप्पा के बगल में अमित शाह को बैठे दिखाया गया है. ये तस्वीर 2017 में बेंगलुरु स्थित येदियुरप्पा के घर पर ली गई थी.
फर्जी तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर की जा रही है. फोटो को पोस्ट करते हुए लोग लिख रहे हैं, "कोरोना वायरस की दवा की खोज में हमारे वैज्ञानिकों के साथ गृहमन्त्री विचार विमर्श करते हुवे". वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
तस्वीर को यांडेक्स सर्च इंजन पर रिवर्स करने पर इसकी सच्चाई सामने आ गई. हमें असली तस्वीर ‘BTv News Kannada’ के एक यूट्यूब वीडियो में मिली. इस वीडियो को 2 अक्टूबर, 2016 को अपलोड किया गया था. ‘BTv News Kannada’ के मुताबिक, ये तस्वीर येदियुरप्पा के बेंगलुरु के डॉलर्स कॉलोनी स्थित घर की है, जहां पर येदियुरप्पा ने कुछ नागा साधुओं से मुलाकात की थी. वीडियो में देखा जा सकता है कि येदियुरप्पा के बगल में कोई नहीं बैठा है.
उस समय कुछ अन्य न्यूज़ चैनलों ने भी इस तस्वीर को चलाया था. खबरों की मानें तो 15-20 नागा साधु अचानक से येदियुरप्पा के घर पहुंच गए थे, जिसके बाद साधुओं ने येदियुरप्पा से मुलाकात की और उन्हें कर्नाटक का दोबारा मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया. 2017 में येदियुरप्पा कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष थे.
खोजने पर हमें ये भी पता चल गया कि वायरल तस्वीर में अमित शाह वाला हिस्सा कहां से लिया गया है. हमें इंटरनेट पर ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में मौजूद एक तस्वीर में अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ बैठे दिख रहे हैं. अमित शाह वाले हिस्से को इसी तस्वीर में से लिया गया है. ये तस्वीर मई 2019 की है जब लोक सभा चुनाव में जीत मिलने के बाद शाह और मोदी, मुरली मनोहर जोशी और आडवाणी से मिले थे. हमारी पड़ताल से साबित होता है कि वायरल तस्वीर फोटोशॉप्ड है और इसे असली समझ कर लोग अमित शाह पर कटाक्ष कर रहे हैं.