सोशल मीडिया पर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग का एक वीडियो शेयर करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि उन्हें धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. वीडियो में दिखता है कि एक सड़क पर दो सुरक्षाकर्मी ग्रेटा को जबरन पकड़ कर ले जा रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स की मानें तो ग्रेटा को नीदरलैण्ड्स की पुलिस ने गिरफ्तार किया.
वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स भारत में पीएम मोदी का विरोध करने वालों को भी निशाना बना रहे हैं. एक फेसबुक यूजर ने वीडियो के साथ लिखा है, "क्या आप इस खातून को जानते हो ?? ये वामपंथियों की अंतर्राष्ट्रीय आन्दोलन कारियों और फर्जी किसान आनदोलन कारियों की बहन जी "ग्रेटा " है। जिसको धोखाधड़ी के मामले में डच पुलिस ने गिरफ्तार किया है । यह भारत विरोधी हर प्रोपगेंडा में आंदोलन जीवियों का साथ देती है मोटी रकम डॉलर लेकर।” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
वायरल वीडियो को कई एक्स यूजर्स ने भी इसी दावे के साथ शेयर किया है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ग्रेटा को धोखाधड़ी के आरोप में नहीं बल्कि एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की वजह से कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया था.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसी मामले का एक दूसरा वीडियो मिला, जो अलग एंगल से शूट किया गया था. इसे 7 अप्रैल 2024 को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था.
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, ग्रेटा को नीदरलैण्ड्स के हेग शहर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया था.
कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. बीबीसी की खबर के मुताबिक, ये प्रदर्शन “Extinction Rebellion” नाम के संगठन ने फॉसिल फ्यूल पर मिलने वाली सब्सिडी के खिलाफ किया था. इस दौरान ग्रेटा ने भी इसमें भाग लिया था. प्रदर्शनकारियों ने ए12 हाइवे को बाधित कर दिया था, जिसके बाद 400 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए थे.
रॉयटर्स की खबर में बताया गया है कि पुलिस ने ग्रेटा को दो बार हिरासत में लिया था. उन्हें शाम को रिहा भी कर दिया गया था. हमें ऐसी कोई हालिया खबर नहीं मिली जिसमें इस बात का जिक्र हो कि ग्रेटा को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
बता दें कि स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं. ग्रेटा ने भारत के किसान आंदोलन का समर्थन किया था, जिसके बाद भारत में एक तबके ने उनका काफी विरोध किया.
जाहिर है कि ग्रेटा को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया था. उनके धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार होने के दावे भ्रामक हैं.