ज्वालामुखी फटने का एक हैरान कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. कुछ लोगों की मानें तो ये हाल ही में इथियोपिया में 12,000 साल बाद फटे हायली गुबी ज्वालामुखी का असली वीडियो है.
दरअसल इथियोपिया के अफार इलाके में 23 नवंबर 2025 को हायली गुबी ज्वालामुखी फट गया. ये इतना भीषण था कि इसकी राख लाल सागर पार करके यमन, ओमान और पाकिस्तान होते हुए भारत तक पहुंच गई.
वायरल वीडियो में एक ज्वालामुखी को फटते हुए देखा जा सकता है. तेज धमाके के साथ काले धुएं का गुबार पूरे आसमान में भर जाता है. देखकर ऐसा लगता है कि इस वीडियो को किसी एयरक्राफ्ट के अंदर बैठकर रिकार्ड किया गया है.
वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “10,000 साल की नींद टूटी इथियोपिया का हेली ज्वालामुखी धरती की आग बनकर जागा!”
हालांकि आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये किसी असली ज्वालामुखी के फटने का वीडियो नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
गौर से देखने पर वीडियो कुछ बनावटी-सा लगता है. इसमें नाटकीय दृश्य, और ऐसी खतरनाक परिस्थिति में एयरक्राफ्ट का इतने नजदीक से उड़ना–ये सब सामान्य नहीं लगता और वीडियो के असली होने को लेकर शक पैदा करता है.
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से हमें ये Laughasores नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे 19 अगस्त, 2025 को अपलोड किया गया था. यानि साफ है कि ये इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट का नहीं हो सकता है क्योंकि इथियोपिया की घटना 23 नवंबर की है.
वीडियो के साथ बताया गया है कि इस चैनल पर सभी वीडियो मनोरंजन के मकसद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं. चैनल के बायो में भी लिखा है - “ज्वालामुखी विस्फोट के हाई-क्वालिटी AI सिमुलेशन वीडियो के जरिए प्रकृति की शक्ति का अनुभव करें.” इस चैनल पर AI से बने ज्वालामुखी फटने के ढेरों वीडियो मौजूद हैं.
इसके बाद हमने इस वीडियो और इसके अलग-अलग कीफ्रेम्स को AI डिटेक्टर टूल की मदद से टेस्ट किया. ‘Hive Moderation’ और ‘Sightengine’ दोनों ही टूल्स ने इस वीडियो के 99 फीसदी AI से बने होने की संभावना बताई.

साफ है कि ज्वालामुखी विस्फोट का ये वीडियो AI से बनाया गया है. ये किसी असल घटना का नहीं है.