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फैक्ट चेक: जर्मनी ने चीन से नहीं मांगा कोरोना वायरस से हुए नुकसान का हर्जाना

एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. फेसबुक पर डिसप्ले हो रही इसकी हेडलाइन कहती है कि जर्मनी ने कोरोना वायरस से हुए नुकसान के लिए चीन को 130 बिलियन पाउंड का बिल भेजा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जर्मनी ने कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के लिए चीन को 130 बिलियन पाउंड का बिल भेजा है.
“Express” न्यूज वेबसाइट और सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
जर्मनी के एक अखबार ने कोरोना वायरस से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद एक नकली बिल जारी किया था. जर्मन सरकार ने चीन को ऐसा कोई बिल नहीं भेजा है.

क्या जर्मनी ने चीन से कोरोना वायरस की वजह से हुए नुकसान का हर्जाना देने की मांग की है? एक न्यूज वेबसाइट “Express” की एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. फेसबुक पर डिसप्ले हो रही इसकी हेडलाइन कहती है कि जर्मनी ने कोरोना वायरस से हुए नुकसान के लिए चीन को 130 बिलियन पाउंड का बिल भेजा है. इस लेख के साथ जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल की फोटो लगी है.

इस खबर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स मांग कर रहे हैं कि अगर एंजेला मार्केल कोरोना वायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन से 130 बिलियन डॉलर की मांग कर रही हैं तो भारत को भी ऐसा करना चाहिए. भारत को 300 बिलियन पाउंड की मांग करनी चाहिए.

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

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fact_042220035141.jpgवायरल पोस्ट

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि Express के वायरल हो रहे आर्टिकल की हेडलाइन भ्रामक है. जर्मन सरकार ने चीन को ऐसा कोई बिल नहीं भेजा है. दरअसल, जर्मनी के “Bild” नाम के एक टैबलॉयड न्यूजपेपर ने कोरोना वायरस के चलते जर्मनी के आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाते हुए उपहास के तौर चीन के नाम एक नकली बिल (मॉक बिल) जारी किया था. अखबार ने कहा कि कोरोनो वायरस से हुए नुकसान के लिए बर्लिन का चीन पर 130 बिलियन पाउंड ब​काया है.

यह भ्रामक पोस्ट फेसबुक पर भी वायरल और ट्विटर पर भी वायरल हो रही है.

वायरल लेख

वायरल हो रहा "एक्सप्रेस" का लेख अपने पहले पैराग्राफ में ही कहता है कि “Bild” ने 130 बिलियन का इनवॉइस डाल दिया है कि बीजिंग पर बर्लिन का इतना बकाया बनता है, लेकिन एजेंला मार्केल की फोटो के साथ लेख की भ्रामक हेडलाइन से ऐसा भ्रम होता है कि जर्मन सरकार ने चीन को 130 बिलियन पाउंड का बिल भेजा है.

इस लेख के लिंक पर क्लिक करके जब इसे ओपन करते हैं, तो अंदर की हेडलाइन बाद में इस स्पष्टीकरण के साथ बदल दी गई कि कोरोना वायरस के कारण जो नुकसान हुआ है (और चीन को जो भुगतान करना चाहिए), वह जर्मन सरकार का अनुमान नहीं है, बल्कि एक जर्मन टैबलॉयड न्यूजपेपर “Bild” का है.

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कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने भी इस पर लिखा है कि “Bild” न्यूजपेपर ने कोरोना वायरस के नुकसान के बदले चीन से ​अरबों पाउंड की मांग की है.

फैक्ट चेक वेबसाइट “Full Fact” ने भी इस भ्रामक खबर की सच्चाई सामने रखी है.

21 अप्रैल की शाम तक जर्मनी में 1.5 लाख कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं और करीब 5000 मौतें हो चुकी हैं. इनमें से करीब 95,000 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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