राष्ट्रपति भवन में सोमवार को देश की कई हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया. समारोह में 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
समारोह के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक फोटो के जरिए दावा किया जा रहा है कि इस बार समारोह में सऊदी अरब की एक योग टीचर नौफ मरवाई को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया, लेकिन इस्लामिक कट्टरपंथियों के डर से भारतीय मीडिया ने ये खबर नहीं दिखाई. तस्वीर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक महिला को सम्मानित करते हुए दिख रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर के साथ लिख रहे हैं कि नौफ मरवाई को जन्म से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थी जिनके उपचार के लिए वह भारत आईं. यहां से पूरी तरह स्वस्थ होकर मरवाई ने सऊदी अरब में योग सिखाना शुरू किया और अब वो योग की एक सफल टीचर हैं. इसी तरह के अलग-अलग कैप्शन्स के साथ तस्वीर को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट में आधी सच्चाई ही बताई गई है. नौफ मरवाई को इस साल नहीं बल्कि 2018 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. हालांकि यह सच है कि नौफ मरवाई सऊदी अरब की रहने वाली हैं और वहां योग को प्रचलित करने के लिए ही उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा था.
कैसे पता की सच्चाई?
कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर पता चला कि नौफ मरवाई को मार्च 2018 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. वायरल फोटो खुद राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई थी.
#PresidentKovind presents Padma Shri to Ms Nouf Almarwaai, first certified Yoga Instructor in Saudi Arabia. She played an instrumental role for legalising Yoga in Saudi Arabia. Born with an auto-immune disease, she overcame the challenge through Yoga and Ayurveda pic.twitter.com/GLWZaDlW0I
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 20, 2018
उस समय प्रकाशित हुईं खबरों के मुताबिक, लगभग 20 सालों के संघर्ष के बाद नौफ मरवाई को सऊदी अरब का पहला प्रमाणित योग प्रशिक्षक घोषित किया गया था. योग के प्रति प्रयासों और संघर्ष के चलते मरवाई को पद्म श्री मिला था.
"अरब न्यूज" में प्रकाशित हुई एक खबर में बताया गया है कि मरवाई दो दशकों से योग से जुड़ी हुई हैं. 2010 में उन्होंने अरब योग फाउंडेशन की शुरुआत की. अपनी खराब सेहत की वजह से मरवाई की योग में दिलचस्पी बढ़ी थी. जन्म के बाद से ही मरवाई को सेहत संबंधी कई समस्याएं थीं. यहां तक कि बीमारियों के कारण उनको अपना स्कूल भी छोड़ना पड़ा था. इसी के चलते मरवाई को योग के बारे में पता चला और उन्होंने इसे सीखना शुरू किया.
इलाज और अपनी पढ़ाई के लिए मरवाई भारत आईं और यहां से मनोचिकित्सा में मास्टर्स की डिग्री ली. योग के प्रति जुनून चलते उन्होंने सऊदी अरब में लोगों को इसके बारे में जागरूक किया. योग की वजह से मरवाई को चरमपंथी ताकतों का विरोध भी झेलना पड़ा. साल 2017 से पहले तक सऊदी अरब में योग को मान्यता प्राप्त नहीं थी. नवंबर 2017 में सऊदी अरब ने योग को खेल गतिविधियों के रूप में मान्यता दे दी. इसका श्रेय मरवाई को ही जाता है.
यहां हमारी पड़ताल में साफ हो जाता है कि नौफ मरवाई को 2018 में पद्म श्री मिलने की खबर को अभी का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.