
"मदरसे में यौन शोषण, मौलवी गिरफ्तार, 52 छात्राएं छुड़ाई गईं". ऐसी ही एक हेडलाइन वाली अखबार की क्लिपिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. क्लिपिंग में बताया गया है कि यह घटना लखनऊ के यासीनगंज स्थित मदरसे की है जहां लड़कियों का एक हॉस्टल चल रहा था.

क्लिपिंग को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने कैप्शन में लिखा है "मीडिया को चिन्मयानंद से फुरसत मिल गयी हो तो ये खबर भी बताने का कष्ट करें. एक नहीं, दो नहीं, पूरे 52 लड़कियों का मामला है वो 8 से 18 की उम्र की". इसी तरह के कुछ अन्य कैप्शन के साथ ये तस्वीर फेसबुक पर घूम रही है. खबर को इस तरह से पेश किया जा रहा है जैसे ये हाल फिलहाल की घटना हो.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये खबर 2017 की है, अभी की नहीं. इसके साथ ही, क्लिपिंग के साथ छेड़छाड़ भी की गई है. एडिटिंग के जरिए खबर में 'मैनेजर' की जगह 'मौलवी' जोड़ दिया गया है.
कैसे पता की सच्चाई?
कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें इस मामले को लेकर कई खबरें मिलीं. 30 दिसंबर 2017 को प्रकाशित हुई 'आउटलुक' की एक खबर के अनुसार, लखनऊ के यासीनगंज के इस मदरसे में पुलिस और प्रशासन की टीम ने छापा मारकर दर्जनों छात्राओं को मुक्त करवाया था. पीड़ित छात्राओं ने मदरसे के संचालक कारी तय्यब जिया पर यौन शोषण और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. पुलिस का कहना था कि मदरसे में कई सालों से गलत काम चल रहा था और लड़कियों को बंधक बनाया गया था. ये लड़कियां मदरसे में पढ़ने के लिए आईं थीं.
मदरसे के संस्थापक सैयद मोहम्मद जिलानी अशरफ ने बताया था कि छात्राओं ने अपनी व्यथा कागज के टुकड़े पर लिखकर मदरसे की छत से फेंकी थी. कागज में छात्राओं ने लिखा था कि संचालक तैयब जिया व उसके कुछ साथी उनका यौन शोषण करते हैं. इसका विरोध करने पर लड़कियों को जान से मारने की धमकी दी जाती थी. पुलिस ने छात्राओं को छुड़ाकर नारी निकेतन भेज दिया था. ये मामला उस समय काफी चर्चा में आया था. इसको लेकर नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण और जी न्यूज़ ने भी खबरें प्रकाशित की थीं.
पड़ताल के दौरान हमें ये भी पता चला कि वायरल हो रही ये क्लिपिंग फोटोशॉप्ड है. दिसंबर 2017 में फेसबुक पर कई लोगों ने "अमर उजाला" अखबार में छपी इस खबर की असली फोटो शेयर की थी. फोटो में जो हेडलाइन दिख रही है वो कुछ इस तरह है "मदरसे में यौन शोषण, मैनेजर गिरफ्तार, 52 छात्राएं छुड़ाई गईं". इससे ये साफ हो जाता है कि वायरल क्लिपिंग के साथ फर्जीवाड़ा करके 'मैनेजर' की जगह 'मौलवी' चिपका दिया गया है.

कुल मिलाकर निष्कर्ष ये निकलता है कि लगभग चार साल पुरानी खबर को एडिट किया गया है और घटना को अभी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है. हालांकि, इस तरह के कुछ मामले सामने जरूर आ चुके हैं जिनमें मौलवियों को यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से भी ऐसी एक खबर आई थी. "न्यूज़ 18" के मुताबिक, अलीगढ़ में 12 साल के एक बच्चे के साथ दुष्कर्म करने की एक वारदात का खुलासा हुआ है और आरोपी मस्जिद का एक मौलवी है.