
क्या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नागरिक शाहबाज शरीफ सरकार से इस कदर दुखी हैं कि उन्होंने विरोध करते हुए भारत का तिरंगा लहरा दिया है? दरअसल, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या पीओके में 10 मई 2024 से जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. यहां के लोग बढ़ती महंगाई और शाहबाज सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ सड़कों पर हैं, जिस दौरान हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि पीओके में प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा लहरा दिया है.
एक एक्स यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “POK पर कमजोर हुई पाक की पकड़? तिरंगा लहराया; भारत के साथ विलय की मांग!! पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में लोगों का अपने-अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन बढ़ गया है...!!* वहां के नागरिकों ने पाकिस्तान पुलिस और पाकिस्तान प्रशासन के हाथों क्रूरता के खिलाफ विद्रोह कर दिया है...!! लगता है अमित शाह जी ने, "काम शुरू कर दिया है! अब लगता है पीओके शीघ्र ही भारत में वापिस आएगा!!”

कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे पीओके के रावलाकोट की घटना बताया है. वायरल तस्वीर को फेसबुक इंस्टाग्राम और थ्रेड्स पर भी इन्हीं दावों के साथ शेयर किया गया है. ऐसे पोस्ट्स के आर्काइव्ड वर्जन को यहां , यहां , यहां , यहां और यहां देखा जा सकता है.
इसी तस्वीर को इस्तेमाल करते हुए न्यूज नेशन पंजाब केसरी और गुजराती मिड डे जैसे मीडिया संस्थानों ने भी पीओके में तिरंगा लहराने को लेकर खबरें छापी हैं. वियॉन और सियासत डेली ने पीओके के प्रदर्शनों के बारे में रिपोर्ट करते हुए वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया है.
आजतक फैक्ट चेक ने अपनी जांच में पाया कि तिरंगे झंडे वाली रावलाकोट की ये वायरल तस्वीर एडिटेड है. पीओके में ये प्रदर्शन तो जरूर हुआ लेकिन इस दौरान भारत का झंडा नहीं लहराया गया. हम आपको विस्तार से बताते हैं कि हम इस नतीजे तक कैसे पहुंचे.
कहां की है वायरल तस्वीर?
तिरंगे वाली वायरल तस्वीर को खोजते हुए हमने पाया कि इस तस्वीर को पलट दिया गया है यानी जो चीज बाईं तरफ दिख रही है, असल तस्वीर में वो दाईं तरफ है. एक्स पर भी कई यूजर्स ने असली तस्वीर को शेयर किया है. दरअसल तस्वीरों को इसलिए ‘फ्लिप’ या उल्टा किया जाता है ताकि रिवर्स सर्च के जरिये उसे आसानी से न खोजा जा सके.
तस्वीर में दिख रहे अक्षरों को ध्यान से पढ़ने पर ये बात साफ हो जाती है कि इसे उल्टा किया गया है. असली तस्वीर में एक ऑटो नजर आता है जिसपर BAZGAR लिखा हुआ है. वहीं, वायरल तस्वीर में अक्षर Z और G उल्टे देखे जा सकते हैं. हमने इन दोनों की तस्वीरों की तुलना की है, जिसे नीचे देखा जा सकता है.
रावलाकोट के बैंक रोड की है ये तस्वीर
पीओके में जारी प्रदर्शनों को लेकर उर्दू के कीवर्ड्स के जरिये सर्च करने पर हमें 12 मई की एक फेसबुक रील मिली, जिसमें अलग-अलग प्रदर्शनों के वीडियो थे. इसमें ऊपर बाईं तरफ नजर आ रहा वीडियो वायरल तस्वीर से मेल खाता है. इसपर लिखा है, “Rawalakot Tourism Hotel”. रावलाकोट पीओके के पुंछ की राजधानी है. फेसबुक वीडियो और वायरल तस्वीर की तुलना से पता चल जाता है कि दोनों लोकेशन एक ही हैं.

जब हमने गूगल मैप्स पर रावलाकोट टूरिज्म होटल को सर्च किया, तो हमें इसी होटल के पास “ग्रीन वैली होटल” मिला. ग्रीन वैली होटल के गूगल मैप्स पेज पर 2023 में एक वीडियो शेयर किया गया था. ये वीडियो भी ठीक उसी जगह का है जहां ये प्रदर्शन हुआ था.

कब हुआ था ये विरोध प्रदर्शन?
इस विरोध प्रदर्शन के बारे में जानने के लिए हमने वकार खान से बात की, जिनकी ‘कश्मीर जनरल स्टोर’ नाम की दुकान रावलाकोट के बैंक रोड पर ही है. उन्होंने हमें बताया कि ये प्रदर्शन 10 मई को उनकी दुकान के सामने ही हुआ था. वकार ने प्रदर्शन के दौरान भारत का तिरंगा लहराए जाने की बात से साफ इनकार किया.
हमें 10 मई के एक फेसबुक पोस्ट और 11 मई के एक यूट्यूब वीडियो में इसी प्रदर्शन की कुछ और तस्वीरें और वीडियो मिले. इन तमाम तस्वीरों और वीडियो में कहीं भी भारत का झंडा नहीं था. इससे भी वकार खान ने जो बताया उसी बात की पुष्टि होती है.
पाकिस्तानी मीडिया में तिरंगे को लेकर कोई रिपोर्ट नहीं
अगर पीओके में सरकार विरोधी किसी प्रदर्शन के दौरान भारत का झंडा लहराया जाता, तो वहां के लिए एक सनसनीखेज खबर होती और जाहिर तौर पर पाकिस्तानी मीडिया में इसको लेकर खबरें छपी होतीं. लेकिन हमने पाया कि पाकिस्तानी मीडिया में इस प्रदर्शन की रिपोर्टिंग तो खूब हुई है, मगर कहीं भी तिरंगा लहराने का जिक्र नहीं किया गया है. खास बात ये है कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है लेकिन इसमें तिरंगा कहीं नहीं दिख रहा है.
हमने पाकिस्तान के समा टीवी के कार्यकारी संपादक जब्बार चौधरी से बात की. उन्होंने बताया, “सोशल मीडिया पर जो तस्वीर शेयर की जा रही है वो पूरी तरह से फर्जी है. रावलाकोट में प्रदर्शन तो हुए हैं लेकिन तिरंगा नहीं लहराया गया.”
फोटो फोरेंसिक में साफ दिखती है तस्वीर के साथ छेड़छाड़
हमने InVid टूल के जरिये इस बात की जांच की कि क्या तस्वीर में कोई छेड़छाड़ की गई है. नीचे दिए गए GIF में देखा जा सकता है कि हल्के हरे रंग वाले मार्क उस जगह को दिखा रहे हैं जहां तस्वीर में छेड़छाड़ की गई है. ये वही जगह है जहां वायरल तस्वीर में तिरंगा नजर आ रहा है.
इस तरह ये साफ हो जाता है कि पीओके में हुए प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडा लहराने का दावा सही नहीं है. तस्वीर में तिरंगा एडिटिंग करके अलग से जोड़ा गया है.