विदेशों में रह रहे NRI को जल्द ही वोट देने का अधिकार मिल सकता है. अच्छी बात ये है कि वोट देने के लिए उन्हें भारत आने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. वो जहां रह रहे हैं, वहीं से वोट दे सकते हैं. इसके लिए सरकार रिमोट वोटिंग शुरू कर सकती है. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि विदेशों में रह रहे NRI और प्रवासी मजदूरों को भी इलेक्टोरल प्रोसेस का हिस्सा बनाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने बताया था कि इन्हें वोटिंग का अधिकार देने के लिए संसद में बिल भी लाया गया था, लेकिन ये पास नहीं हो सका.
सरकार की ओर से भरोसा मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2013 से दाखिल याचिका पर सुनवाई बंद करने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने इन याचिकाओं पर सुनवाई बंद करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में 2013 में NRIs ने वोटिंग का अधिकार देने के लिए याचिका दायर की थी. इसमें दलील दी थी कि बस नियमों में बदलाव करके ही NRIs को वोटिंग का अधिकार दिया जा सकता है और इसके लिए कानून में संशोधन करने की जरूरत नहीं है.
इससे पहले इसी साल जून में चुनाव आयोग ने भी बताया था कि दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोटर्स चुनावों में वोट नहीं डाल पाते और वोटिंग के अधिकार से वंचित रह जाते हैं, इसलिए रिमोट वोटिंग की संभावनाएं तलाशी जा रहीं हैं.
क्या है रिमोट वोटिंग?
पीपुल्स ऑफ रिप्रेजेंटेशन एक्ट, 1951 की धारा 20A कहती है कि वोट देने के लिए व्यक्ति को पोलिंग स्टेशन ही जाना होगा. मतलब ये कि पोलिंग स्टेशन पर जाकर ही वोट डाल सकते हैं.
लेकिन अगर आप सर्विस वोटर हैं तो आपको इससे छूट है. सर्विस वोटर यानी चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी, सेना के जवान या विदेशों में काम करने वाले सरकारी अधिकारी. सर्विस वोटर्स इलेक्ट्रॉनिकली या पोस्ट के जरिए वोट दे सकते हैं.
चुनाव आयोग ने भी बताया था कि NRIs को रक्षा कर्मियों की तर्ज पर प्रॉक्सी वोटिंग या ई-बैलेट की सुविधा देने के लिए नियमों में बदलाव करने की जरूरत होगी.
रिमोट वोटिंग का मतलब ये है कि आप जहां हैं, वहीं पर वोट डाल सकते हैं. अभी ऐसा नहीं है. अभी आपका नाम जिस विधानसभा की वोटर लिस्ट में होगा, वहां के पोलिंग बूथ पर जाकर ही वोट दे सकते हैं.
सर्विस वोटर्स इलेक्ट्रॉनिकली ट्रासमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम यानी ETPBS के जरिए वोट डालते हैं, वही सिस्टम NRIs और प्रवासी वोटर्स के लिए भी हो जाए.
ETPBS के जरिए सर्विस वोटर को पहले पोस्टल बैलेट भेज दिया जाता है. उसके बाद सर्विस वोटर इसे डाउनलोड कर अपना वोट करते हैं. इसके बाद इसे ईमेल के जरिए या पोस्ट के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर को भेज देते हैं.
तो क्या अभी NRIs को वोटिंग का अधिकार नहीं है?
भारत के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार है. लेकिन विदेशों में रहने वाले NRIs या दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोट नहीं दे पाते हैं, क्योंकि वोट देने के लिए उन्हें पोलिंग बूथ पर मौजूद रहना होगा.
चुनाव आयोग के मुताबिक, NRIs भी अपना वोटर आईडी कार्ड बनवा सकते हैं और वोट दे सकते हैं, लेकिन उन्हें वोट देने के लिए भारत आना होगा. हालांकि, ई-पोस्टल बैलेट या रिमोट वोटिंग पर काम किया जा रहा है.
पर फायदा क्या होगा इससे?
इससे दो बड़े फायदे होंगे. पहला तो ये कि इससे NRIs और प्रवासी भी वोट डाल सकेंगे और दूसरा ये कि इससे वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ने की उम्मीद है.
अगर ऐसा होता है तो इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा. 2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 45.36 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे थे जो प्रवासी थे. ये वो लोग थे जिन्होंने अलग-अलग कारणों की वजह से अपना घर छोड़ा था और दूसरी जगह रह रहे थे.
वहीं, विदेश मंत्रालय के मुताबिक दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों में 1.34 करोड़ से ज्यादा NRIs रह रहे हैं. ऐसे में वोट देने के लिए न तो प्रवासियों और न ही NRIs के लिए भारत लौटना मुश्किल होता है. अगर रिमोट वोटिंग की सुविधा मिलती है तो ऐसे लोग भी वोट दे सकेंगे.