गांधीवादी कार्यकर्ता और लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे की मांग मानते हुए सरकार ने शनिवार को लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली एक संयुक्त समिति के गठन के लिए अधिसूचना जारी की.
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग के सचिव वीके भसीन ने इस अधिसूचना पर हस्ताक्षर किया और बाद में धरना स्थल यानी जंतर-मंतर पर किरण बेदी ने इसे सबको दिखाया. इस अधिसूचना में एक तरफ जहां यह बताया गया है कि समिति का क्या काम होगा वहीं दूसरी तरफ समिति के 10 सदस्यों के नाम भी इसमें है.
इस समिति का नेतृत्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी करेंगे और पूर्व कानून मंत्री शांतिभूषण इसके सह अध्यक्ष होंगे.
सरकार की तरफ से इसमें बतौर सदस्य कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल, गृहमंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद को नियुक्त किया गया है.
दूसरी तरफ नागरिक समाज की तरफ से अन्ना हजारे, वरिष्ठ वकील शांतिभूषण, वकील प्रशांत भूषण, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल शामिल हैं.
इस संयुक्त समिति के संयोजक के रूप में कानून मंत्री वीरप्पा मोइली का नाम लिखा गया है. अधिसूचना के अंतिम पंक्ति में यह उल्लेख किया गया है कि समिति अपना काम 30 जून 2011 तक कर देगी.
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा ‘हमने इस मामले में एक सरकारी आदेश की मांग की थी. सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाकर अधिसूचना जारी कर दी.’