भारतीय सेना के दो पूर्व प्रमुख एजेंडा आज तक का हिस्सा बने. 'बॉर्डर का बंदोबस्त' सेशन में जनरल (रिटायर्ड) वीपी मलिक और जनरल (रिटायर्ड) बिक्रम सिंह से गौरव सावंत ने बातचीत की.
वीपी मलिक ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ हमारी रणनीतियां ठीक नहीं है. जबतक आपकी फौज मजबूत नहीं है तो आप कूटनीतिक मोर्चे पर कामयाब नहीं हो सकते हैं. हमें डिफेंसिव और ऑफेंसिव ऑपरेशन से ही दुश्मन को मात देना होगा.
मलिक ने कहा कि सेना पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक करती थी लेकिन सेना अपनी जवाबदेही पर यह करती थी. हाल में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को पॉलिटिकल अथॉरिटी का समर्थन मिला है. ऐसा पहले नहीं होता था. हम ऐसे ऑपरेशन करने में डरते थे. हमें इसके खुलासे की इजाजत नहीं होती थी.
एक सवाल के जवाब में मलिक ने कहा कि पाकिस्तान सेना और वहां के आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान राजनीति से संभव है, सेना से नहीं.
इस सवाल पर कि फारुक अब्दुल्ला जैसे नेता हुर्रियत को जायज ठहराते हैं, जनरल मलिक ने कहा कि कश्मीर के नेता सस्ती लोकप्रियता के चलते देश का नुकसान कर रहे हैं. इससे कश्मीरियों का नुकसान होता है.

जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा को पाकिस्तान की सरकार से शह मिल रही है. उन्हें खत्म करना जरूरी है. यह मुमकिन है. हमारी रणनीति इस तरीके से बनानी होगी कि पाकिस्तानी सेना को सजा दें.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा कायम रखेगा. वो चाहेगा कि कश्मीर जलता रहेगा. केवल सेना के बल पर समस्या का हल नहीं किया जा सकता, कूटनीति सहित तमाम मोर्चे पर पड़ोसी को घेरना होगा. हमें पाकिस्तानी सेना का खून बहाना जरूरी है.
जनरल सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों का इस्तेमाल करती हुई भारत पर हमले करती है, हम ऐसा नहीं करते. पाकिस्तान में नवाज शरीफ नहीं, सेना हुकूमत चला रही है. पाकिस्तान को उसी की भाषा में उसे जवाब देना होगा.
पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती जरूरी है. आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट खत्म नहीं करने देना चाहिए. इस मसले को लेकर राजनीतिक दबाव भले ही आए. उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी से घाटी में आतंकवादियों को होने वाली फंडिंग रुकेगी.
परमाणु हथियार के इस्तेमाल से जुड़े रक्षा मंत्री के हालिया बयान पर जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि बदलते माहौल के तहत भारत को भी जरूरी कदम उठाने होंगे. अगर भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा होता है तो भारत को परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने से गुरेज नहीं करना चाहिए. इस मसले पर जनरल मलिक ने भी कहा कि सरकार को बदलते माहौल के तहत अपनी पॉलिसी में बदलाव करना चाहिए.
पाकिस्तान को घेरने के लिए अफगानिस्तान की मदद लेने की जरूरत पर बिक्रम सिंह ने कहा कि हमारी नियमित सेना को अफगानिस्तान जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें स्पेशल फोर्सेज कमांड की जरूरत है जो जरूरत पड़ने पर कहीं भी जाकर कार्रवाई करे.