भारतीय क्रिकेट टीम पूर्व कोच रह चुके आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने अपनी नई किताब 'फियर्स फोकस' में लिखा है कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को उन्होंने कई मौकों पर मानसिक रूप से काफी कमजोर महसूस किया.
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समाचार पत्र 'हेराल्ड सन' के मुताबिक करोड़ों भारतीय जहां तेंदुलकर की 'क्रिकेट के भगवान' के रूप में पूजा करते हैं वहीं चैपल ने दिसम्बर में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली टेस्ट श्रृंखला से पूर्व उन्हें कमजोर मानसिक शक्ति वाला बताकर एक नई बहस छेड़ दी है.
सचिन तेंदुलकर पर देखें विशेष कवरेज चैपल ने अपनी किताब में लिखा है, ‘जब मैं भारतीय टीम का कोच था, उस समय तेंदुलकर मेरे पास आए और लगभग दो घंटों तक मुझसे बातचीत की.’ ‘तेंदुलकर अपने खराब फार्म से परेशान थे. उनका कहना था कि उन्हें अपनी ही क्षमता पर संदेह हो रहा था. उसके बाद तेंदुलकर एक ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट खेलने मलेशिया गए, जहां वह मानसिक रूप से काफी कमजोर नजर आए.’तस्वीरों में देखें: सचिन के सपनों का घर बनकर तैयार...
‘जब भारतीय टीम यात्रा करती थी, तब वह अपना हेडफोन कान पर लगाए रखते थे. वह इधर-उधर भी नहीं देखते थे. मैं मानता हूं कि तेंदुलकर पर हमेशा से अपेक्षाओं का दबाव रहा है. तेंदुलकर 1989 से इस दबाव को झेल रहे हैं. डॉन ब्रैडमैन ने भी इतना दबाव नहीं झेला होगा.’
फोटोः सचिन को उमरीगर अवार्ड । विश्वविजेता चैपल ने लिखा है, ‘तेंदुलकर को तनिक भी आराम नहीं मिलता था. एक बार जब हम यात्रा कर रहे थे, तब मैंने उनसे पूछा था कि आपके तो ढेरों दोस्त होंगे. आपको सबके साथ तालमेल बनाए रखने में काफी दिक्कत होती होगी. तब तेंदुलकर ने कहा था कि ग्रेग भारत में आपके मुझसे अधिक दोस्त होते.’फोटोः जब वनडे क्रिकेट में सचिन ने लगाया पहला दोहरा शतक
चैपल कोई अपवाद नहीं हैं. अपनी पुस्तक को हाथों-हाथ बिकवाने के लिए कई क्रिकेटर तेंदुलकर को लेकर विवादास्पद बातें लिखते हैं. हाल ही में पाकिस्तानी गेंदबाज शोएब अख्तर ने अपनी किताब में लिखा था कि तेंदुलकर को उनकी तेज रफ्तार गेंदों को खेलने में डर लगता था.