सफेद कपड़े, लाल गेंद और दिनभर का वक्त...टेस्ट क्रिकेट के इसी रूप को आप जानते-पहचानते रहे हैं. खासकर सफेद कपड़े टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी पहचान रहे हैं. लेकिन भूल जाइये सबकुछ. आ गया है नया टेस्ट क्रिकेट. ओवर उतने ही, वक्त उतना ही, लेकिन अब दिन की जगह डे-नाइट होंगे टेस्ट.
सारी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए आईसीसी ने इसे मंजूरी दे दी है. अब वनडे की तरह ही डे-नाइट होंगे टेस्ट क्रिकेट, लेकिन ये तभी होगा, जब टेस्ट सीरीज़ खेलने वाली दो टीमें इसके लिए रजामंद हों. अब डे-नाइट टेस्ट है तो इसमें लाल गेंद का इस्तेमाल तो हो नहीं सकता, लिहाजा इसके लिए गुलाबी गेंद को चुना गया. रंग गाढ़ा गुलाबी नहीं, हल्का गुलाबी होगा और इसको बनाने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इसकी चमक देर तक रहे. जाहिर है डे-नाइट क्रिकेट में सफेद कपड़े नहीं, बल्कि रंगीन कपड़े इस्तेमाल होंगे. इतना ही नहीं साइट स्क्रीन जो अभी तक टेस्ट में सफेद होती थी, वो काली हो जाएगी.
आपका तो पता नहीं, लेकिन यकीन मानिये टीम इंडिया और बीसीसीआई की चांदी हो गई है. भारत के खिलाड़ी और क्रिकेट बोर्ड यही तो चाहता था. इस एक फैसले के फायदे अनेक हैं. खिलाड़ियों को दोपहर की भारी गर्मी और सुबह की नमी से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. इतना ही नहीं क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले लोग ऑफिस के लौटकर आराम से टेस्ट क्रिकेट का मजा ले सकेंगे.
गर्मी और तेज धूप की वजह से मई और जून में भारत में टेस्ट क्रिकेट नहीं हो पता था. अब ये समस्या भी दूर हो जाएगी. बेवजह दो महीने टीम को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा, टीम अपने ही देश में विदेशी टीमों के साथ खेल सकेगी. यकीनन बाजार के लिए भी अच्छी खबर है, खासकर मैच का सीधा प्रसारण करने वाली कंपनियों के तो वारे न्यारे हो जाएंगे, प्राइम टाइम में वो मैचों का प्रसारण करेंगी तो जाहिर है विज्ञापनों की कीमत अच्छी मिलेगी. टेस्ट क्रिकेट का वक्त सुबह से शाम तक का था, लिहाजा कई बार लोग चाहकर भी स्टेडियम में नहीं जा पाते थे. अब स्टेडियमों में भीड़ उमड़ेगी तो टेस्ट क्रिकेट का भविष्य भी संवरेगा.
मगर ऐसा नहीं कि सिर्फ भारत और यहां के बाजार को ध्यान में रखकर ये फैसला लिया गया है. दरअसल दुनिया भर के कई देश इस बात से परेशान थे कि टेस्ट क्रिकेट में लोगों की दिलचस्पी कम हो रही है. आईसीसी सबकुछ ध्यान में रखकर ही फैसला किया है.
आईसीसी के मुताबिक इंडिया दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड डे-नाइट के लिए सबसे अधिक उपयुक्त हैं. यहां के बाजारों को भी इसमें दिलचस्पी रही है. ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की भी डेनाइट टेस्ट में खासी दिलचस्पी हो सकती है. खैर कुछ बातों का पता तभी चलेगा जब वाकई दो टीमों डे-नाइट टेस्ट खेलने उतरें. लेकिन इतना जरूर है कि नए बदलाव से नई गर्मजोशी जरूर आई है.
आईसीसी की क्रिकेट कमेटी ने पिछले साल दोनों छोरों से अलग अलग गेंदों के इस्तेमाल पर अपनी मुहर लगाईं थी तो इस बार कई और बदलाव करने के सुझाव दे डाले हैं.
सुझाव नंबर 1- 16 से 40 ओवर के बीच सिर्फ बैटिंग पॉवरप्ले. यानी पहले पहले 10 ओवर को जोड़कर अब पॉवरप्ले के कुल 15 ओवर होंगे और बॉलिंग पॉवरप्ले के लिए कोई जगह नहीं होगी.
सुझाव नंबर 2- नॉन पॉवरप्ले ओवर्स में 30 यार्ड के सर्कल के बाहर सिर्फ चार फील्डर रखने की सिफारिश.
सुझाव नंबर 3- एक ओवर में एक की जगह दो शॉर्ट-पिच गेंदें यानी बाउंसर डालने पर सहमति.
आईसीसी के अगले सीईओ बनने जा रहे डेव रिचर्डसन की माने तो ये बदलाव वनडे क्रिकेट में और जान फूंक देंगे.