इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी टीमों को रिपोर्टों के अनुसार 2009-10 आकलन वर्ष में 5.58 से 87.09 करोड़ रूपये तक का नुकसान हुआ है.
लेकिन इसके बावजूद वे अपना व्यवसाय किस तरह बरकरार रखे हैं? संसदीय समिति ने इस हफ्ते के शुरू में बीसीसीआई और आईपीएल के शीर्ष अधिकारियों से यह सवाल पूछा था कि क्या वे इन आंकड़ो को स्वीकार करते हैं.
संसदीय वित्त संबंधी स्थायी समिति के सवालों के अनुसार आठ फ्रेंचाइजी टीम को 2009-10 आकलन वर्ष के दौरान कुल 315 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है.
इसके अनुसार डेक्कन चार्जर्स को सबसे ज्यादा 87.09 जबकि विजय माल्या की रायल चैलेंजर्स को 5.58 करोड़ रूपये का घाटा हुआ है.
अन्य फ्रेंचाइजी टीमों में किंग्स इलेवन पंजाब को 65.68 करोड़, दिल्ली डेयरडेविल्स को 47.11 करोड़, मुंबई इंडियंस को 42.89 करोड़, राजस्थान रायल्स को 35.51 करोड़, चेन्नई सुपरकिंग्स को 19.30 करोड़ और कोलकाता नाइटराइडर्स को 11.85 करोड़ रूपये की हानि हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार उन्हें 2008-09 आकलन वर्ष में कुल 4.41 करोड़ रूपये का घाटा हुआ था.
इस हफ्ते के शुरू में हुई बैठक के दौरान समिति के सदस्य बीसीसीआई से जानना चाहते थे कि इतने नुकसान के बावजूद फ्रेंचाइजी अपना व्यापार किस तरह चला रही हैं.