इंडियन प्रीमियर लीग ने चकिंग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया है और उसने अंपायरों को गेंदबाजों के अवैध एक्शन पर संबंधित नियमों को कड़ाई से लागू करने को कहा है.
आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट आईपीएलटी 20 डॉट कॉम के मुताबिक इस साल एक फरवरी से प्रभावी संदिग्ध एक्शन नीति में उन गेंदबाजों से निपटने की विस्तृत प्रक्रिया है जिन पर टूर्नामेंट के दौरान अंपायरों ने चकिंग का आरोप लगाया है या अंपायरों और मैच रैफरी ने मैच के दौरान अवैध एक्शन के लिए जिस पर संदेह किया है.
आईपीएल ने अंपायरों और मैच रैफरी से कहा है कि वह मैच के दौरान अपनी आंखों से जो देखें उस के मुताबिक काम करें और शिकायत करने से पहले फैसला करें कि क्या गेंदबाज का एक्शन संबंधित नियम 24.2 का उल्लंघन है.
वेबसाइट पर कहा गया है, ‘इस नीति के तहत अंपायर और मैच रैफरी यह फैसला करने से पहले कि खिलाड़ी की रिपोर्ट करनी है या नहीं, मैच के दौरान खिलाड़ी के गेंदबाज को अपनी बिना किसी तकनीक के इस्तेमाल के अपनी आंखों से देखें.
यह सामान्य गति पर लाइव या टेलीविजन पर हो सकता है. शुरुआती संदेह की पुष्टि करने के लिए ही स्लो मोशन कैमरे या अन्य तकनीकी सुविधाओं का इस्तेमाल होना चाहिए.’