मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को e-एजेंडा आजतक में शिरकत की. इस दौरान राजनाथ सिंह ने मौजूदा वक्त में चीन के साथ चल रहे तनाव पर भी बात की. राजनाथ ने कहा कि भारत किसी भी मसले को बातचीत से निपटाना चाहता है और तनाव नहीं चाहता है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हम किसी भी देश को आंख नहीं दिखाना चाहते हैं.
मौजूदा विवाद को समझाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा को लेकर दोनों देशों के कई तरह के अलग विचार रहे हैं, लेकिन आज 1962 जैसी स्थिति नहीं है. देश की जनता को ये भरोसा है कि हम देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे.
e-एजेंडा: राजनाथ बोले- चीन से डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल पर बातचीत जारी है
राजनाथ ने बताया कि चीन LAC को कुछ स्थानों पर मानता है, लेकिन कुछ स्थानों पर वो नहीं मानता है. लेकिन हम भी कुछ स्थान पर अपनी बात पर अड़े हुए हैं, ये सिलसिला लंबे वक्त से चल रहा है. हर बार बातचीत से हल निकलता रहा है. उन्होंने कहा कि डोकलाम में 2017 में जो हुआ था, लगा था काफी बात बढ़ गई है. लेकिन हम पीछे नहीं हटे थे. हम किसी देश को आंख नहीं दिखाना चाहते हैं.
चीन के अलावा नेपाल से जारी विवाद पर रक्षा मंत्री बोले कि नेपाल के साथ लिपुलेख को लेकर जो दिक्कत आई थी, उसपर भी बातचीत के जरिए मुद्दा हल होगा. नेपाल भाई की तरह है, मिल-बैठकर समाधान निकलेगा.
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लद्दाख मसले पर राजनाथ सिंह ने कहा कि कभी-कभी चीन के साथ ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है, मई के महीने में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. चीनी राष्ट्रपति का बयान भी कुछ ऐसा ही आया है, लेकिन बातचीत के जरिए इस मसले को हल किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारत की कोशिश है कि तनाव ना बढ़े, चाहे सेना की ओर से बात हो या फिर डिप्लोमैटिक लेवल पर बात हो. चीन ने भी बातचीत की बात कही है.