हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के दूसरे दिन 'शाह है तो संभव है' सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने शिरकत की. यहां उन्होंने नागरिकता कानून से लेकर महाराष्ट्र की सियायत से जुड़े सवालों का जवाब दिया. महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रहने पर शाह ने कहा कि हम वहां विफल नहीं हुए बल्कि हमने तो सरकार बनाने की कोशिश की लेकिन हमारा साथी भाग गया.
इंडिया टुडे/आजतक के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बातचीत में अमित शाह ने कहा कि हम महाराष्ट्र में विफल नहीं हुए हैं, हमारे पक्ष में जनादेश आया और जनता ने गठबंधन को पूर्ण बहुमत दिया. शाह ने कहा कि हमने महाराष्ट्र में बहुमत से 20 सीटें ज्यादा हासिल की हैं और हमें 162 सीटें मिली हैं.
CM पद के मोह से शुरू हुई गड़बड़ी
अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में गड़बड़ बीजेपी से शुरू नहीं हुई बल्कि शिवसेना को जब से मुख्यमंत्री बनने का मोह हुआ, वहां से गड़बड़ शुरू हो गई. गठबंधन में हमारी 106 और शिवसेना की 55 सीटें थीं और दोनों को मिलकर सरकार बनानी थी. लेकिन जब पवार साहब समेत अन्य लोगों ने शिवसेना के सामने मुख्यमंत्री बनने के लिए दाने डाले और शिवसेना ने वह चोंच में ले लिए तब से गड़बड़ शुरू हो गई.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारी कोई रणनीति विफल नहीं हुई क्योंकि हमने पहले से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का कोई वादा किया ही नहीं था, अगर हम चाहते तो फिर शिवसेना का मुख्यमंत्री बन ही जाता. पहले ही सार्वजनिक रूप से तय था कि देवेंद्र फडणवीस ही हमारे मुख्यमंत्री होंगे.
पहले क्यों चुप रही शिवसेना?
अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार न बना पाने को राजनीतिक चूक मानना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने सरकार बनाने के प्रयास किए थे लेकिन नहीं बना पाए क्योंकि हमारा साथी भाग गया था. उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना चुनाव से पहले हमसे कोई समझौता करती तो हम दो कदम जरूर आगे जाते.
अमित शाह ने कहा कि शिवसेना ने चुनाव से पहले हमारी सभी बातें मानी, हमारे नेता को उन्होंने अपना नेता माना, हमारी अगुवाई में चुनाव लड़ा. शिवसेना का कोई भी चुनाव क्षेत्र ऐसा नहीं था, जहां मोदीजी की फोटो शिवसेना के नेता से ढाई गुना बड़ी ना हो. शाह ने कहा पहले शिवसेना ने क्यों कुछ नहीं कहा जो बातें उनके नेता चुनाव के बाद कर रहे थे, यह भी हमारे लिए एक सबक है.
बीजेपी का जीवन ही विपक्ष में बीता
अमित शाह ने कहा कि हमारे साथी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए अपनी विचारधारा छोड़ दूसरों के साथ जाना पसंद किया और हम सरकार नहीं बना पाए. शाह ने कहा कि बीजेपी अब वहां विपक्ष में बैठी है और हमारी पार्टी का पूरा जीवन ही विपक्ष में गया है और हम शिद्दत के साथ विपक्ष में काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं और कोई किसी पर फैसला नहीं थोप सकता. शिवसेना ने किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री बनने का फैसला लिया तो यही हो सकता था. शाह ने कहा कि मोदीजी और शरद पवार के बीच क्या बातचीत हुई इस पर टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं है.