मैं था, मैं हूं, मैं ही रहूंगा सदा.. आज सुपुर्द-एक-खाक हुए इऱफान खान की फिल्म का एक डायलॉग है, जो मौजूं है आज. इरफान हम सबको छोड़कर चले गये मगर हकीकत में हमारी यादों में सदा के लिए बस गये. आज आखें नम हैं, लेकिन जरुरी है कि हम ऐसे महान कलाकर को उसकी कला के जरिये श्रद्धांजलिं दे. अपनी अदाकारी से हिंदुस्तान को निहाल कर देने वाले इरफान ने 85 फिल्मों में काम किया. काम बहुत से लोग करते हैं, मगर इरफान मिसाल बने, बेमिसाल रहे.