हिन्दी सिनेमा की कहानियां हमेशा रिश्तों की बुनियाद पर रचीं गईं. कहीं दोस्ती के वर्क़ पलटे गए,कहीं भाई भाई की क़रीबी को महसूस किया गया तो कहीं ख़ानदान के रख रखाव की बात हुई.लेकिन इन सब से ऊपर रहा एक रिश्ता और वो है मां का रिश्ता. मदर्स डे पर ये है हमारी ख़ास पेशकश 'मेरे पास मां है'.