रुपहले पर्दे पर हमेशा कहानियां रिश्तों की बुनियाद पर लिखी जाती हैं. लेकिन इन रिश्तों में सबसे ऊपर होता है मां का रिश्ता. हिन्दी सिनेमा में ममता और समाज के ऊसूलों के बीच जूझती मां की बेहद ख़ूबसूरत तस्वीर हर दौर में खींची गई है.