कोई कुछ भी कहे या करे कैटरीना को कोई फर्क नहीं पड़ता उनके सपनों को तो पंख लगे हुए हैं. वो कभी क्यूट सी डॉल बनकर घूमती हैं. तो कभी सचमुच गुड़िया की मूरत में ढ़ल जाती है.