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किराए का मकान लेना भी था मुश्किल, एक शो से बदली डॉ हाथी की जिंदगी

टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में डॉक्टर हंसराज हाथी का रोल न‍िभाने वाले एक्टर कव‍ि कुमार आजाद का न‍िधन हो गया है. शुरुआती दौर में उनकी आर्थिक हालत बहुत खराब थी.

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डॉक्टर हाथी
डॉक्टर हाथी

टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में डॉक्टर हंसराज हाथी का रोल न‍िभाने वाले एक्टर कव‍ि कुमार आजाद का न‍िधन हो गया है. उनकी मौत पर देशभर के कलाकार और रंगकर्मी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. सोमवार को रायपुर के एक कार्यक्रम में आजाद को शामिल होना था, लेकिन उनकी जगह उनके निधन की खबर आई, जिससे वहां के लोग सदमे में हैं.

डॉक्टर हाथी के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए छत्तीसगढ़ के थिएटर आर्टिस्ट सुभाष मिश्रा ने कहा, 'शुरुआती दौर में उनकी आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि किराए का मकान लेना तक मुश्किल था. ऐसे में उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मकान का किराया शेयर किया.' उन्होंने यह भी बताया कि नुक्क्ड़ नाटकों से जो कमाई होती थी आजाद का गुजरा होता था, लेकिन अभिनय के दम पर एक दिन वो शिखर तक पहुंच गए.

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सुभाष मिश्रा ने आगे कहा, 'मैंने अपना एक अच्छा मित्र और उम्दा कलाकार आज खो दिया है. रायपुर में थियेटर कलाकारों ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर कवि कुमार आजाद की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.'

छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया- 'कव‍ि कुमार आजाद को रायपुर आना था. लोग उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने भी पहुंचे थे, लेकिन नहीं आए, आई तो उनकी मौत की खबर.'

कवि कुमार मूलत: बिहार से हैं. उन्होंने मेला और फंटूश जैसी फिल्में भी कीं. मुंबई में उनके दो फूड आउटलेट्स भी हैं. मीरा रोड वाले आउटलेट्स पर वो अपने प्रशंसकों से मुलाक़ात भी करते थे.

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कैसे हुई मौत

कव‍ि कुमार आजाद का सोमवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया. उनकी मौत से टीवी इंडस्ट्री को बहुत बड़ा झटका लगा है.

80 किलो वजन किया था कम

मीड‍िया रिपोर्ट के मुताबिक एक्टर ने 2010 में अपना 80 किलो वजन सर्जरी से कम किया था. इस सर्जरी के बाद उन्हें रोजाना की ज‍िंदगी में काफी आसानी हो गई थी. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मुझे खुशी है कि लोगों ने मुझे मेरे किरदार के लिए पसंद किया.'  बताने की जरूरत नहीं कि 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की वजह से ही कवि कुमार आजाद की पहचान घर-घर में हुई.

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10 साल पहले ऑनएयर हुआ था शो

ये शो गुजराती में छपे एक कॉलम 'दुनिया ने उन्धा चश्मा' (Duniya Ne Undha Chashma) की कहानी पर आधारित है. इसे पत्रकार तारक मेहता ने गुजराती की साप्ताहिक पत्रिका 'चित्रलेखा' के लिए लिखा था. ये भारत में सबसे ज्यादा समय से चलने वाला स्क्रिप्टेड शो है. आज से 10 साल पहले 28 जुलाई 2008 में ये शो ऑन एयर हुआ था.

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