'इंडियन आइडल 12' के विनर पवनदीप राजन के लिए साल 2025 काफी मुश्किल रहा. मई महीने में उनका भयानक रोड एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थीं. उनका लंबा इलाज चला. अब पवनदीप ने बताया है कि उस हादसे की रात आखिर क्या हुआ था. सिंगर ने ये भी बताया कि एक्सीडेंट के बाद से जिंदगी को देखने का उनका नजरिया बदल गया है.
कैसे हुआ था पवनदीप का कार एक्सीडेंट?
एक्सीडेंट के महीनों बाद सलीम-सुलेमान के पॉडकास्ट में पवनदीप ने अपने दिल की बातें साझा कीं. एक्सीडेंट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- मुझे शो मिला था. हम पहले शो के लिए दिन में निकलने वाले थे, लेकिन फिर हम शाम में निकले...हमने सोचा कि सुबह तक पहुंच जाएंगे. उस वक्त रात के करीब 3 बजे थे. मैं नींद में था. जब तक मैं उठा तो एक्सीडेंट हो चुका था.
'ड्राइवर को नींद की झपकी आ गई थी और उसने नींद में रोड पर खड़े एक ट्रक में गाड़ी मार दी. मैं कार में बैठा हुआ था. गाड़ी का दरवाजा खुल नहीं रहा था और सिर्फ मेरा एक ही हाथ काम कर रहा था. मैंने लोगों से मदद मांगी और मुझे कार से बाहर निकालने को कहा. शुरुआत में कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा था. फिर वहां पुलिस आई.'
'कार ने तबतक अचानक आग पकड़ ली और उस वक्त मैं गाड़ी में ही था. फिर उनमें से किसी ने मुझे बाहर खींचा. मुझे नहीं पता कि मैं कितने लंबे वक्त तक गाड़ी में थे. लेकिन जब मैं होश में आया तो मैं कार से बाहर था. मुझे फिर हॉस्पिटल ले जाया गया. मेरे दोनों हाथ-पैरों में गंभीर चोटें आई थीं. मैंने घर फोन करके अपने परिवार को बुलाया. मैं चाहता था कि जल्द से जल्द मेरा इलाज हो जाए. हालांकि. अब मैं बेहतर हूं.'
कई महीनों तक बेड रेस्ट पर थे पवनदीप
पवनदीप ने बताया कि उन्हें रिकवर होने में कई महीने लगे, जिसके बाद से वो जिंदगी को अलग नजरिए से देखने लगे हैं. पवनदीप बोले- एक महीने तक मैं लेफ्ट से राइट भी मूव नहीं कर पा रहा था. लेकिन अब मैं थोड़ा चल लेता हूं, तो मुझे खुशी होती है.
'उस वक्त एहसास हुआ कि बिना किसी सहारे खुद से चल पाना कितना मायने रखता है. जब कोई हादसा होता है, तो आपको जल्द से जल्द उस चीज से बाहर निकलना चाहिए. खुश रहिए और उसे जिंदगी का एक हिस्सा समझिए. मुझे इससे गुजरना पड़ा. मैं अब थोड़ा चल पाता हूं. हो सकता है आने वाले टाइम में ये और बेहतर हो जाए.'
एक्सीडेंट के बाद सिंगिंग करियर में फिर से लौटने पर पवनदीप बोले- एक्सीडेंट के बाद मैं बेड रेस्ट पर था. फिर कुछ वक्त बाद चोट लगे हुए पैर के साथ ही मैं फ्लाइट से मुंबई आ गया था. मुंबई में भी करीब एक महीने तक बेड रेस्ट पर था. फिर मैंने धीरे-धीरे चलना शुरू किया. मैंने आराम-आराम से गिटार बजाना भी फिर से शुरू किया. मेरे हाथों की कंडीशन अब पहले से थोड़ी सधरी है. हालांकि, पूरी तरह चोट का ठीक होना बाकी है.