Kader Khan passes away कादर खान ने बॉलीवुड की करीब 250 फिल्मों के संवाद लिखे, 300 फिल्मों में काम किया. लेकिन कादर उन्हें पहली बड़ी शोहरत फिल्म 'रोटी' से मिली. हालांकि इस फिल्म में कादर खान को काम मिलना आसान नहीं था. कादर खान ने एक इंटरव्यू में इस पूरे वाकये को बताया कि कैसे हिंदी सिनेमा के दिग्गज मनमोहन देसाई ने उन्हें पहले बाहर का रास्ता दिखाया और फिर सिर आंखों पर बैठा लिया.
देसाई उस वक्त बॉलीवुड के शोमैन कहे जाते थे. कादर खान ने इंटरव्यू में बताया था, "मेरे प्रोड्यूसर रहे चुके हबीब नाडियाडवाला ने मुझे मनमोहन देसाई से मिलवाया. मनमोहन जी उस दौर में काफी परेशान चल रहे थे. इसकी वजह थी कि वो फिल्म रोटी बना रहे थे, लेकिन जिससे भी वो इसके डायलॉग्स लिखवा रहे थे वो उन्हें जम नहीं रहा था. इस वजह से हबीब नाडियाडवाला ने मुझे मनमोहन देसाई से मिलवाया."
फिल्म रोटी ने बदल दी कादर खान की किस्मत
मुलाकात पर मनमोहन देसाई ने कहा, अरे इन्हें (कादर खान) हटाओ यार, बहुत मियां भाइयों को ट्राई कर लिया है. मनमोहन देसाई ने मुझसे कहा, "देखो मियां मुझे डायलॉग अच्छा लगेगा तो लेने की सोच सकता हूं. नहीं तो मैं तुम्हारे सामने पर्चा फाड़ के फेंक दूंगा."
तब मैंने कहा, "आपने ये तो बता दिया कि बुरा लगेगा तो क्या करेंगे, लेकिन ये नहीं बताया कि अच्छा लगा तो क्या होगा." तब मनमोहन जी ने कहा, "मैं अच्छा लगने पर तुम्हें सिर पर रखकर नाचूंगा."
उन्हें फिल्म पसंद आई और उन्होंने मुझे सिर पर रखा.
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कैसे मनमोहन देसाई-प्रकाश मेहरा कैम्प में किया काम
कादर खान ने एक इंटरव्यू में बताया था, "उस दौर में मनमोहन देसाई के साथ काम करता था. उस वक्त प्रकाश मेहरा भी फिल्में बनाते थे. उन्हें भी मेरी जरूरत थी. लेकिन ये दोनों अपोजिशन कैम्प थे. दोनों कैम्प में एक साथ काम करना उस वक्त नामुमकिन था. जो एक कैम्प में काम करता था वो दूसरे में काम नहीं कर सकता था. लेकिन मैं अकेला था जो दोनों के साथ काम करता."
"मेरी वजह से अमिताभ बच्चन भी काम कर लेते थे. मुझसे पूछते थे लोग कि आप दोनों कैम्प में कैसे काम करते हैं. आप किसकी कैम्प में हैं. तब मैं बस यही जवाब देता था कि दोनों (मनमोहन देसाई-प्रकाश मेहरा) मेरी कैम्प में काम करते हैं. मैं उनकी कैम्प में काम नहीं करता हूं."
कहने की जरूरत नहीं कि 70 और 80 के दशक में मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा ने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्में बनाई. इन फिल्मों ने अमिताभ को लोकप्रियता और महानायक का दर्जा दे दिया.
#KaderKhan Saab was one of the finest actors of our country. It was a joy and a learning experience to be on the sets with him. His improvisational skills were phenomenal. His humour was eternal and original. He was a wonderful writer. We will miss him & his brilliance.🙏🙏 pic.twitter.com/m9z1yix9HB
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 1, 2019
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कादर खान ने लंबे वक्त तक बॉलीवुड में काम किया. लेकिन वो इस बात का जिक्र भी करते हैं "एक रात एहसास हुआ, जब सब आगे बढ़ गए... मैं पीछे रह गया. इंडस्ट्री में टेक्निकल चीजों ने तेजी से जगह बनाई. अचानक एक रात मुझे भी एहसास हुआ कि लोग इस टेक्निकल ट्रेन में बैठकर आगे चल दिए और हमारा कल्चर, हम पीछे रह गए."
इस हम में कादर खान भी शामिल था.