विवेक ओबेरॉय लंबे समय बाद पूरी धमक के साथ वापसी कर रहे हैं. 15 फरवरी को उनकी जयंता भाई की लव स्टोरी रिलीज हुई तो 22 फरवरी को जिला गाजियाबाद रिलीज हो रही है. उनकी फिल्मों और करियर को लेकर इंडिया टुडे के एसोसिएट कॉपी एडिटर नरेंद्र सैनी से हुई बातचीत के प्रमुख अंशः
जयंता... में आप भाई भी बने हैं और लवर भी?
मेरे लिए यह रोल काफी एक्साइटिंग था. यह ऐसा भाई है जो वैसे तो 20-25 लोगों को मार सकता है लेकिन लड़की के सामने आते ही, मोम की तरह पिघल जाता है. उसे लगता है कि भाईगिरी आसान है लेकिन लवगिरी नहीं. मैं तो यही कहूंगा कि यह फिल्म रॉमेडी है (रोमांस-कॉमेडी).
जयंताभाई...में नेहा शर्मा के साथ आपके काफी हॉट सीन हैं?
नेहा एक बेहतरीन को-स्टार हैं. उनके साथ बोल्ड सीन करते हुए बिल्कुल भी अनकंफर्टेबल महसूस नहीं किया. हम अच्छे दोस्त भी हैं, और इसी कारण हमें लगता है हमारी केमिस्ट्री भी अच्छी रही है.
अगले हफ्ते आपकी ज़िला गाजियाबाद भी रिलीज हो रही है, जो ट्रेड के हिसाब से ठीक नहीं है?
ठीक तो नहीं है लेकिन बतौर ऐक्टर मैं पूरी तरह से प्रोफेशनल हूं. जयंताभाई... की रिलीज डेट वैलेंटाइंस डे के लिए काफी पहले ही फिक्स हो गई थी. मैंने जिला गाजियाबाद के प्रोड्यूसर से रिलीज को आगे बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने भी यह दिन फिक्स कर लिया था.
जिला गाजियाबाद में अपने रोल के बारे में बताएं?
इसमें सतबीर गुर्जर के रोल में हूं. वह एक शरीफ इंसान है जो अपने गांव से प्यार करता है और गांव के बच्चों को पढ़ाता है. जब उसके साथ ज्यादती होती है तो एक समय पर उसके सब्र का बांध टूट जाता है. वह कलम छोड़कर हथियार उठा लेता है.
पिछले दो-तीन साल में आप काफी कम फिल्मों में नजर आए हैं?
हां, मैंने शादी की थी और वह भी अरेंज मैरिज. मैं चाहता था कि हम पति-पत्नी एक-दूसरे को जानें और पहचानें. इसलिए कम काम किया.
अब पति के साथ-साथ आप पिता भी हैं. परिवार के लिए फुरसत कैसे निकालते हैं?
बीस-पच्चीस दिन शूटिंग करने के बाद परिवार के साथ समय गुजारता हूं. हम सब बाहर जाते हैं और मोबाइल बंद करके फुल मस्ती करते हैं.
इस साल का आपका अच्छा लाइन-अप है, इस बारे में क्या कहना है?
मैं साल 2013 को लेकर बहुत खुश हूं. मस्ती का सीक्वेल ग्रैंड मस्ती भी इसी साल आ रही है और फिर साल के आखिर में आप मुझे कृष के अगले पार्ट में भी देंखेंगे.