पहलाज निहलानी ने खुद को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के पीछे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का हाथ बताया था. इसके बाद स्मृति ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अब एक इवेंट में सेंसर बोर्ड का जिक्र आने पर उन्होंने कहा, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने जैसी फिल्में बनाईं हों, लेकिन वे फिल्म इंडस्ट्री में सीनियर हैं. बता दें कि पहलाज निहलानी फिल्म जूली-2 के प्रिजेंटर हैं.
Had an engaging conversation with @karanjohar on changing dynamics of the entertainment industry. @wef #wefindia pic.twitter.com/rXppXRZAFZ
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 6, 2017
खुलासा: ‘पद्मावती’ के विरोध के नाम पर वसूली की दुकान खोल रखी थी करणी सेना ने
स्मृति ने भारतीय आर्थिक शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी. इस दौरान उनसे करण जौहर ने पद्मावती की रिलीज में रुकावट की आशंका पर सवाल किया था. बता दें कि करणी सेना ने फिल्म पद्मावती के विषय पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने महारानी पद्मावती से जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ किए जाने पर फिल्म के विरोध की धमकी दी थी. इस विरोध के सवाल पर स्मृति ईरानी ने कहा, सरकार का मानना है कि सेंसर बोर्ड जैसी संस्था कानून के तहत मददगार है. ये मेरे लिए दुखद है कि मुझे संजय लीला भंसाली जैसे क्रिएटर डायरेक्टर के साथ काम करने का मौका नहीं मिला. लेकिन मैं भरोसा दिलाती हूं कि फिल्म रिलीज के समय लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से कंट्रोल में होगा. राज्य सरकार इसका पूरा ध्यान रखेगी कि असामाजिक तत्व किसी भी तरह सक्रिय न हो. फिल्म का सफल प्रदर्शन होगा.
पद्मावती के खिलाफ सोशल मीडिया में कैंपेन, राजपूत संगठनों ने जलाए पोस्टर
करणी सेना के कार्यकर्ता ‘पद्मावती’ में रानी पद्मावती के चित्रण को लेकर लंबे समय से विऱोध करते रहे हैं. ये फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है. इसी साल जनवरी में करणी सेना से जुड़े लोगों ने जयपुर में भंसाली पर हमला किया था और फिल्म के सेट पर उत्पात मचाया था. दो महीने बाद दूसरे हमले में कोल्हापुर में ‘पद्मावती’ के सेट को जला दिया गया.
बता दें कि ‘पद्मावती’ का कथानक आक्रांता अलाऊद्दीन खिलजी की ओर से चित्तौड़ की रानी पद्मावती को अगवा करने की कोशिशों पर आधारित है. फिल्म में इन दोनों किरदारों के बीच कथित रोमांटिक ड्रीम सीक्वेंस को लेकर कुछ राजपूत संगठनों में नाराजगी बताई जाती है.