हिंदी सिनेमा और रंगमंच के दिग्गज अभिनेता शशि कपूर का सोमवार को 79 साल की उम्र में निधन हो गया. पिछले काफी समय से वे बीमार चल रहे थे. मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनको पिछले कई वर्षों से किडनी की समस्या थी. वे कई सालों से डायलिसिस करा रहे थे. शशि कपूर का अंतिम संस्कार मंगलवार को दोपहर 12 बजे किया जाएगा. अंतिम संस्कार कहां होगा, फिलहाल यह तय नहीं है. उनकी बेटी संजना और बेटे करण घर से बाहर हैं. वे मुंबई आज रात को पहुंचेंगे.
शशि कपूर के बच्चों के आने के बाद तय होगा कि उनका अंतिम संस्कार कहां किया जाएगा. आज रात शशि के शव को कोकिलाबेन अस्पताल में रखा जाएगा. शशि ने हिन्दी सिनेमा की 160 फिल्मों (148 हिंदी और 12 अंग्रेजी) में काम किया. उनका जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक और बॉलीवुड की हस्तियों ने शोक जताया है.
भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के लिए सुप्रसिद्ध, अभिनेता शशि कपूर के निधन के बारे में जान कर बहुत दुख हुआ। सार्थक सिनेमा को उनका योगदान और भारतीय रंगमंच को शक्ति देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा याद की जाएगी। उनके परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं —राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 4, 2017
अब कौन कहेगा- मेरे पास मां है...पढ़ें: शशि की याद में शोक संदेश
मशहूर फिल्में60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दी.
Shashi Kapoor's versatility could be seen in his movies as well as in theatre, which he promoted with great passion. His brilliant acting will be remembered for generations to come. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2017
दो साल पहले दादा साहेब फॉल्के अवॉर्ड
1984 में पत्नी जेनिफर की कैंसर से मौत के बाद शशि कपूर काफी अकेले रहने लगे थे और उनकी तबीयत भी बिगड़ती गई. बीमारी की वजह से शशि कपूर ने फिल्मों से दूरी बना ली. साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था. कपूर खानदान के वो ऐसे तीसरे शख्स थे जिन्हें ये सम्मान हासिल हुआ था.
बलबीर नाम से भी जाने जाते थे शशि कपूर
आकर्षक व्यक्तित्व वाले शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था. बचपन से ही एक्टिंग के शौकीन शशि स्कूल में नाटकों में हिस्सा लेना चाहते थे. उनकी यह इच्छा वहां तो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन उन्हें यह मौका अपने पिता के 'पृथ्वी थियेटर्स' में मिला.
नाटक से शुरू की थी एक्टिंगशशि ने एक्टिंग में अपना करियर 1944 में अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर के नाटक 'शकुंतला' से शुरू किया था. उन्होंने फिल्मों में भी अपने एक्टिंग की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी.