बॉलीवुड में शम्मी आंटी के नाम से मशहूर एक्ट्रेस का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वो 89 साल की थीं. मुंबई में जन्मीं इस एक्ट्रेस का नाम नरगिस रबाड़ी था. उन्होंने 200 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में अलग-अलग रोल किए. उन्होंने फिल्मों के साथ टीवी के लिए भी काम किया.
कैसे मिला शम्मी आंटी नाम?
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कैसे उनका नाम शम्मी आंटी पड़ा. उनके मुताबिक, "नरगिस जी उस जमाने की एक बहुत बड़ी स्टार थीं इसलिए फिल्म डायरेक्टर तारा हरीश ने मुझे नया नाम 'शम्मी आंटी' दिया. दरअसल, यह फ़िल्म 'मल्हार' के मेरे चरित्र का नाम था." शम्मी आंटी ने कई बड़े स्टार्स के साथ काम किया. 1952 में दिलीप कुमार और मधुबाला के साथ फिल्म 'संगदिल' में शम्मी आंटी सहनायिका की भूमिका में भी नजर आई थीं.
शम्मी आंटी ने शुरुआती दिनों में पैकेजिंग डिपार्टमेंट में भी काम किया. फिल्मों में काम करने का मौका उन्हें एक फैमिली फ्रेंड के जरिए मिला. इंडस्ट्री में लंबे वक्त तक काम करने के बारे में उन्होंने बताया था, मैंने कभी प्लान नहीं किया और ना ही बहुत ज़्यादा महत्वाकांक्षाएं रखीं. बस जो भी काम मिलता रहा, बिना ना-नुकुर करती चली गई. बताते चलें कि शम्मी आंटी नायिका के तौर पर कम नजर आईं लेकिन चरित्र अभिनेत्री के रूप में उन्होंने खूब काम किया.
उनके जाने से दुखी अमिताभ बच्चन ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दुख जताया. अमिताभ ने फिल्मों में शम्मी आंटी के योगदान को याद किया.
T 2735 - Shammi Aunty .. prolific actress, years of contribution to the Industry, dear family friend .. passes away ..!!
A long suffered illness, age ..
Sad .. slowly slowly they all go away .. pic.twitter.com/WYvdhZqo8X
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) March 6, 2018
1950 के दशक में शम्मी आंटी ने ‘बाग़ी’, ‘आग का दरिया’, ‘मुन्ना’, ‘रुखसाना’, ‘पहली झलक’, ‘लगन’, ‘बंदिश’, 'मुसाफ़िरखाना', ‘आज़ाद’ और 'दिल अपना और प्रीत परायी' जैसी कई फ़िल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं की. रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी अंतिम फिल्म ‘शिरीन फ़रहाद की तो निकल पड़ी’ है जो साल 2012 में प्रदर्शित हुई थी.