राजकुमार राव और उनकी गर्लफ्रेंड पत्रलेखा ने फिल्म 'सिटीलाइट्स' में एक साथ काम किया था. उसके बाद दोनों सुभाष चंद्र बोस पर बनी वेब सीरीज में दिखाई दे रहे हैं. वेब सीरीज में राजकुमार, सुभाष चंद्र बोस के किरदार में हैं, वहीं पत्रलेखा 'नंदिनी' के किरदार में दिखाई दे रही हैं. दोनों ने आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में वेब सीरीज और अपने अफेयर के बारे में बताया-
राजकुमार कहते हैं कि मेरे स्कूल में घुसते ही बोस बाबू की मूर्ति लगी थी. मैंने उन्हें 12 साल तक लगातार देखा है. उनके बारे में ज्यादा बातें नहीं पता थी. सीरीज करने के बाद मुझे बहुत सारी बातें पता चली. उनका किरदार निभाने में कमाल की फीलिंग आती है. मैं उस दौर के बारे में बहुत उत्साहित रहता हूं. अगर मैं उस समय पैदा हुआ होता तो आजादी के अभियान में कूद पड़ता.
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इस वेब सीरीज के जरिए मुझे बोस बाबू के जीवन को जीने का मौका मिला. मैंने कोलकाता में उनके घर में बहुत वक्त बिताया. अब वो म्यूजियम बना दिया गया है. मैं काफी वक्त उनके कपड़ों और उनके सामानों के साथ बिताता था.
नेताजी ने जो भी कुछ किया, उनका मकसद सिर्फ देश की आजादी थी. अंग्रेज सच में उनसे खौफ खाते थे.
फिल्मों के बारे में बात करते हुए वो कहते हैं- 2017 मेरे लिए बहुत ही खास रहा. 2018 में भी मेरी अच्छी फिल्में आ रही हैं. 'फन्ने खां' के अलावा भी कई फिल्में हैं.
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सलमान खान की 'रेस 3' और 'फन्ने खां' के क्लैश के बारे में उन्होंने कहा कि ये प्रोड्यूसर की कॉल है.
कई लोग कह रहे हैं कि ज्यादा प्रोमोशन नहीं करना चाहिए. हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि प्रोमोशन में वक्त के साथ-साथ पैसा भी बहुत खर्च होता है. प्रोमोशन की बाहुल्यता के बारे में मेकर्स को ध्यान देना पड़ेगा. हाल ही में 'इत्तेफाक' फिल्म ने बहुत बड़ा उदाहरण दिया है.
वेब सीरीज पर उन्होंने कहा कि यह फ्यूचर है. सिनेमा तो बनता रहेगा, लेकिन साथ ही साथ यह इंडस्ट्री भी ग्रो करेगी.
पत्रलेखा इस वेब सीरीज के बारे में बात करते हुए कहती हैं- मेरा किरदार एक अमीर लड़की नंदिनी का है. 30 के दशक में उस लड़की के रहन-सहन का ढंग बताया गया है. वो लड़की क्रांतिकारी थी. वो सुभाष चंद्र बोस से कैसे मिली, उनके संगठन से कैसे जुड़ीं- यह सबकुछ दर्शाने की कोशिश की गई है.
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स्क्रिप्ट पूरे रिसर्च के साथ लिखी गई थी. मैं हंसल सर से किसी स्क्रीनिंग पर मिली थी. यह बंगाली किरदार था और मैं खुद भी बंगाली हूं. बंगाली कम्यूनिटी के लिए सुभाष चंद्र बोस बहुत बड़े हीरो हैं. बचपन से ही मेरे दादाजी सुभाष चंद्र बोस की कहानियां बताते थे. वो उनसे मिले भी थे. उन्हें 'बोस बाबू' बुलाते थे. अगर राज (राजकुमार राव) नहीं भी निभाते और कोई और भी इस किरदार को निभाता तो भी मैं इस सीरीज को करती.
राजकुमार के साथ अपने रिश्ते पर उन्होंने कहा- हम कई सालों से एक साथ हैं. मैं राज को उनके काम के लिए बहुत रिस्पेक्ट करती हूं. जब राज ने सुभाष किया तो मुझे उनसे जलन हुई क्योंकि जिस लगन से राजकुमार ने काम किया, वो बहुत ही काबिल-ए-तारीफ है. राज ने अपने बाल का भी बलिदान दिया जो एक एक्टर के लिए बड़ी बात है. मेरी और राज की काम के प्रति कभी भी टकराव नहीं होता. हम दोनों को अपना काम आता है और हम एक-दूसरे के काम को समझते हैं.