बॉलीवुड में यौन शोषण और कास्टिंग काउच के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन #MeToo खड़ा हो गया है. कुछ महिला फिल्मकारों ने भी एकजुट होकर इस मूवमेंट को सपोर्ट किया है. इन फिल्मकारों में पहला नाम नंदिता दास का है. लेकिन अब नंदिता दास के पिता मशहूर पेंटर जतिन दास पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगे हैं.
#MeToo One of India's most feted artists alive. Padma Bhushan recipient. My molestor. Long post alert. @IndiaMeToo and so MANY other women, starting with @Rxyxsx Thank you for so much. pic.twitter.com/a6VFC6iHys
— Nisha Bora (@NishaBora) October 16, 2018
जतिन दास पर ये आरोप निशा बोरा ने लगाए हैं. उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पूरी आपबीती सुनाई है. उन्होंने लिखा, मेरी मुलाकात जतिन दास से 2004 में एक इवेंट के दौरान मेरे ससुर के माध्यम से दिल्ली में हुई थी. मैं उनकी बहुत बड़ी फैन थी.
स्टूडियो में की जबरदस्ती किस करने की कोशिश
निशा ने दर्दनाक घटना के बारे में बताया, जतिन दास ने पहली मुलाकात के दौरान मुझे बतौर असिस्टेंट कुछ दिन साथ काम करने को कहा था. मैं उनकी फैन थी और इस काम के लिए तैयार हो गई. पहली बार हमारी मीटिंग दिल्ली में उनके घर पर हुई, वहां सब सामान्य रहा. लेकिन जब मैं दूसरी बार उनके स्टूडियो में मिलने गई तो वहां जतिन दास ने जबरदस्ती किस करने की कोशिश की.
निशा ने बताया, उनका स्टूडियो खिड़की गांव में बना था. वहां उन्होंने अपने लिए पैग बनाया, मुझे ऑफर किया तो मैंने लेने से इंकार कर दिया. उन्होंने जबरदस्ती मुझे पकड़ने की कोशिश की. जब वहां से खुद को निकालना चाहा तो उन्होंने दोबारा कोशिश की. वो मुझे किस करना चाहते थे, उनकी दाढ़ी के बाल मुझे चेहरे पर महसूस हुए. मैंने उन्हें जोर लगाकर हटाया तो वो कहने लगे अरे, रुको, तुम्हें अच्छा लगेगा.
निशा ने बताया, इस घटना के बाद मेरे पास नंदिता का फोन आया, मेरा नंबर उन्हें अपने पिता जतिन दास से मिला था. नंदिता दास ने फोन करके बताया कि वो मुझे बतौर असिस्टेंट काम पर रखना चाहती हैं. उन्होंने मेरी काफी तारीफ की, लेकिन उस दिन नंदिता दास की सारी बातें मेरे अंदर छूरियां चलने जैसे थी. निशा ने कहा, मैं इस मूवमेंट से बहुत खुश हूं. इसने मुझे भी हिम्मत दी है, इसलिए मैं आज अपने साथ हुए हादसे के बारे में पहली बार बोल सकी हूं.
बता दें पिछले दिनों नाना पाटेकर, साजिद खान जैसे बड़े नाम सामने आने के बाद कई महिला फिल्मकारों (नंदिता दास, मेघना गुलजार, अलंकृता श्रीवास्तव, कोंकणा सेन शर्मा, गौर शिंदे, नित्या मेहरा, रीमा कागती, जोया अख्तर, रुचि नरेन, सोनाली बोस और किरण राव) ने तय किया है कि वे यौन शोषण के दोषी किसी भी कलाकार के साथ कभी काम नहीं करेंगी.