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दिलीप कुमार संग पढ़ाई, एक ही पेशा, पर छोटे किरदार में फंसे रहे मो. उमर मुक्री

मूंछें हो तो नत्थू लाल जैसी वरना ना हों... अमिताभ बच्चन का ये डायलॉग तो याद ही होगा. अमिताभ ने फिल्म शराबी में ये डायलॉग बोला था और ये संवाद जिस एक्टर के लिए बोला गया वो थे मोहम्मद उमर मुक्री. मुक्री पर फिल्माया गया ये संवाद अमर हो गया. ये संवाद आज भी लोगों की जुबान पर रहता है.

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मोहम्मद उमर मुक्री
मोहम्मद उमर मुक्री

मूंछें हो तो नत्थू लाल जैसी वरना ना हों... अमिताभ बच्चन का ये डायलॉग तो याद ही होगा. अमिताभ ने फिल्म शराबी में ये डायलॉग बोला था और ये संवाद जिस एक्टर के लिए बोला गया वो थे मोहम्मद उमर मुक्री. मुक्री पर फिल्माया गया ये संवाद अमर हो गया. ये संवाद आज भी लोगों की जुबान पर रहता है. मुक्री ने फिल्मों में अपनी कॉमेडी से सभी को खूब हंसाया. आज यानी 4 सितंबर को उनकी पुण्यतिथि है.

मुक्री का जन्म 5 जनवरी 1922 को हुआ था. उन्होंने अपने बॉलीवु़ड करियर की शुरुआत फिल्म प्रतिमा (1945) से एक्टर दिलीप कुमार के साथ की थी. दिलीप कुमार और मुक्री का रिलेशन काफी पुराना और गहरा रहा है. IMDB की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ने एक साथ स्कूलिंग की. लेकिन जहां दिलीप कुमार सुपरस्टार बन गए वहीं मुक्री छोटे किरदारों में ही फंसे रह गए. मुक्री ने एक से बढ़कर एक फिल्में की. लेकिन हर फिल्म में वो कैरेक्टर रोल में ही नजर आए. हालांकि, उन्होंने फिल्मों में कॉमेडी से अपनी एक अलग पहचान बनाई.

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मुक्री ने 50 साल के लंबे करियर में 600 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. अपनी मुस्कान, छोटा कद और परफेक्ट कॉमेडी से उन्होंने फिल्मों में दर्शकों को लुभाया. उन्होंने मदर इंडिया (1957), शरबी (1984), अमर अकबर एंथनी (1977), लावारिस (1981), बॉम्बे टू गोवा (1972), गोपी (1972), कोहिनूर (1960) जैसी मूवीज की. उन्हें आन, मिलन और यकीन जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.

फिल्मों में आने से पहले मुक्री ने काजी के रूप में काम किया था. पर्सनल लाइफ की बात करें तो मुक्री के 5 बच्चे हैं. दो बेटियां और तीन बेटे.

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