हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में जब भी सुपर विलेन की बात का जिक्र होता है तो 'मोगैम्बो', 'गब्बर' के साथ-साथ 'सड़क' फिल्म के 'महारानी' किरदार को भी याद किया जाता है. आज उसी किरदार को निभाने वाले महान कलाकार सदाशिव अमरापुरकर का जन्मदिन है. इस खास शख्सियत के जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें:
1. सदाशिव अमरापुरकर का जन्म 11 मई 1950 को महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुआ था.
2. महाराष्ट्रियन ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए सदाशिव को उनके करीबी लोग प्यार से 'तात्या' बुलाया करते थे.
3. बचपन से ही सदाशिव सामाजिक कार्यों में लगे हुए रहते थे और असहाय लोगों की मदद किया करते थे.
4. फिल्मों में आने से पहले सदाशिव ने एक्टिंग की शुरुआत मराठी नाटकों से की थी और लगभग 50 नाटकों के बाद फिल्मों में कदम रखा.
5. सदाशिव की पहली फिल्म थी '22 जून 1897 यह एक मराठी फिल्म थी और इस फिल्म में उन्होंने बाल गंगाधर तिलक का रोल निभाया था.
6. सदाशिव अमरापुरकर की पहली हिंदी फिल्म थी 'अर्धसत्य'. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया. उन्हे फिल्म 'सड़क' के लिए भी फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया.
7. 'अर्धसत्य' के बाद सदाशिव अमरापुरकर ने 1987 में 'पुराना मंदिर', 'नासूर', 'मुद्दत', 'जवानी' और 'खामोश' जैसी फिल्मों में काम किया.
8. सदाशिव अमरापुरकर एक्टर धर्मेन्द्र की फिल्म 'हुकूमत' के बाद से ज्यादातर विलेन के किरदार में ही नजर आने लगे. फिल्म 'मोहरे', 'खतरों के खिलाडी', 'कालचक्र', 'ईश्वर', 'एलान ए जंग', 'फरिश्ते', 'वीरू दादा' और 'बेगुनाह' में विलेन के ही अवतार में सदाशिव दिखे.
9. 90 के दशक में सदाशिव ने सह कलाकार के रूप में थोड़ा कॉमेडी की तरफ भी रुख किया, उन्होंने 'आंखें', 'इश्क', 'कुली नंबर 1', 'गुप्त : द हिडेन ट्रुथ', 'जय हिन्द', 'मास्टर', 'हम साथ-साथ हैं', जैसी फिल्में की.
10. 1996 की फिल्म 'छोटे सरकार' में सदाशिव ने डॉक्टर खन्ना का रोल अदा किया.
11. सदाशिव की आखिरी हिंदी फिल्म थी दिबाकर बनर्जी की 'बॉम्बे टॉकीज' जिसमें उन्होंने कैमियो रोल किया था.
12. सदाशिव अमरापुरकर का फेफड़ों में संक्रमण के चलते 64 साल की उम्र में 3 नवंबर 2014 को निधन हो गया.