लॉकडाउन के इस वक्त में बॉलीवुड पूरी तरह से बंद है और लोग मनोरंजन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही निर्भर हैं. इसी बीच कई हिन्दी फिल्में और वेब सीरीज़ भी आ रही हैं, बीते दिनों नेटफ्लिक्स ने अपने वेब सीरीज़ हंसमुख को रिलीज़ किया. 10 एपिसोड की इस सीरीज़ में कॉमेडी, ड्रामा, डायलॉग और मर्डर मिस्ट्री का फील दिया गया है. स्टैंडअप कॉमेडियन वीर दास मुख्य किरदार में हैं और उनके दमदार काम की तारीफ भी हो रही है. क्या खास रहा, जानिए...
कहानी कैसी है?
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक स्ट्रगल कर रहा कॉमेडियन हंसमुख (वीर दास) है, जिसका सपना कॉमेडी का शो जीतने का है. उसका उस्ताद मौका नहीं दे रहा है, तो वो गुस्से में उसका कत्ल कर देता है. कत्ल करने के बाद वो एक लाइव शो करता है, जो हिट होता है. बाद में पता चलता है कि कत्ल करना ही उसकी ताकत है और बिना उसके अच्छे जोक नहीं सुना पाएगा.
View this post on Instagram
Kal 12.30 baje dopahar ko ayenge @netflix_in pe. Chai bana lena. Dekh lena #Hasmukh 🙏
यहां से कत्ल का सिलसिला शुरू होता है, वो अपने दोस्त जिम्मी द मेकर (रणवीर शौरी) जिसके साथ वो मुंबई एक कॉमेडी शो में निकल जाता है. मुंबई में भी कत्ल और लाइव शो का सिलसिला जारी रहता है, लेकिन यहां फंडा थोड़ा इमोशनल हो जाता है. हंसमुख सिर्फ बुरे लोगों को मारता है. यहां चैनल में काम करने वालों के साथ थोड़ा इश्क मोहब्बत भी हो जाता है. अब यही कहानी है, शो कहां तक जाता है ये आपको सीरीज़ देखकर पता लगेगा.
किसके काम में कितना दम है?
वीर दास स्टैंड अप कॉमेडियन हैं और वो इस कहानी का मुख्य किरदार हैं. अपनी अदाकारी से उन्होंने हंसमुख किरदार को जिंदा किया है, फिर चाहे इमोशन देना हो या फिर स्ट्रगल वाला फील दिखाना हो. हालांकि, किरदार में सहारनपुर यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश वाला अंदाज नहीं आ पाया, लेकिन कोशिश स्क्रीन पर नज़र आ रही है. रणवीर शौरी ने हंसमुख के दोस्त कम मैनेजर का रोल निभाया है, जिसमें वह शानदार जचे हैं. एक फूहड़ अंदाज का बंदा जो नंबर दो का काम कर रहा है और पैसा भी कमा रहा है. लगता है रणवीर शौरी को सक्सेस का तरीका साइड रोल में मिल गया है, पहले अंग्रेजी मीडियम और अब हंसमुख.
View this post on Instagram
Party suru. Aaj 12.30 baje. #Hasmukh acche shtyle mein lag rahe hain na? 🙂
महिला किरदारों में अमृता बाग्ची और दीक्षा सोनालकर का रोल है, लेकिन दोनों का रोल काफी लिमिटेड है. जो मुंबई में आने के बाद खुलता है. इसमें दीक्षा सोनालकल के रोल को अधिक दिखाया गया है, जहां उन्होंने अपनी अदाकारी और खूबसूरती का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कोशिश की है. इन मुख्य किरदारों के अलावा मनोज पाहवा, रवि किशन, इनामुलहक, रजा मुराद जैसे अन्य किरदारों का भी अहम रोल है.
कहां कमी रह गई?
हिन्दी वेब सीरीज़ की श्रृंखला में कॉमेडी और मर्डर मिस्ट्री का पहला तड़का देखने को मिला है. सीरीज़ को डायरेक्ट करने वाले निखिल गोंजालवेज़ अपनी कोशिश में सफल होते तो दिख रहे हैं, लेकिन ये सीरीज़ दिल खुश कर देगी या चौंका देगी ऐसा कहीं पर भी देखने को नहीं मिल रहा है. बार-बार सीरीज़ में सहारनपुर का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन एक बार भी उसकी फील नहीं आ रही है. जिस फील की बात डायलॉग में बार-बार की जा रही है.
इसके अलावा किरदारों को पकाने में काफी जल्दी की गई है, अब फिल्मों से इतर जब सीरीज़ दिखा रहे हैं तो किरदार धीमी आंच पर पकता अच्छा दिखता है. अंतिम बात, सीरीज़ कॉमेडी का मसाला देने वाली है और मुख्य किरदार में स्टैंड अप कॉमेडियन भी है, लेकिन जितने भी पंच और स्टैंड अप सीरीज़ में दिखाए गए हैं पूरी तरह से दूसरे दर्जे के हैं.