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'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' की सिमरन से यूं जुदा है 'बेफिक्रे' की बिंदास शायरा

यशराज फिल्म की खासियत उनकी फिल्मों में कायम स्प्रि‍च्यूल लव, भरपूर रोमांस और लव ट्राएंगल रहता है. लेकिन 'बेफिक्रे' में वे ऐसा कल्चरल शॉक देने जा रहे हैं जो युवा आबादी को जरूर अच्छा लगेगा.

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 'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे'  और बेफिक्रे
'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' और बेफिक्रे

यशराज फिल्म की खासियत उनकी फिल्मों में कायम स्प्रि‍च्यूल लव, भरपूर रोमांस और लव ट्राएंगल रहता है. लेकिन 'बेफिक्रे' में वे ऐसा कल्चरल शॉक देने जा रहे हैं जो युवा आबादी को जरूर अच्छा लगेगा. फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है और तेजी के साथ लोकप्रियता की पायदान पर चढ़ रहा है. 24 घंटे में इसने यूट्यूब पर एक करोड़ का आंकड़ा छू लिया है, और अपनी बोल्डनेस की वजह से अच्छा-खासा सुर्खियों में हैं.

फिल्म को आदित्य चोपड़ा ने डायरेक्ट किया है, वही आदित्य जिन्होंने 'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' (1995) डायरेक्ट की थी. उसकी सिमरन और आज की शायरा में क्या बदलाव आ गया है, आइए हम को बताते हैः

आइ लव यू है सिली थिंग
अगर आप किसी को चाहते हैं और उसके साथ जिंदगी को भरपूर ढंग से जीना चाहते हैं तो आपको उसे आइ लव यू कहना जरूरी नहीं. आइ लव यू सुनने के लिए बेकरार हीरोइनें अब गुजरे जमाने की बात हो गई हैं, और नो कमिटमेंट और फुल मस्ती में यकीन करती हैं. हालांकि 'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' में सिमरन सिर्फ अपने पिता के आदेश को मानने में यकीन करती थी.

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ब्रेकअप के बाद रिलैक्स जरूरी है
शायरा का धर्म के साथ वन नाइट स्टैंड, और सुबह उसका गाल चूमकर यह कहना कि अभी मेरा हाल ही में ब्रेकअप हुआ और कुछ देर के लिए मैं अकेले ही रहना चाहती हूं, एकदम नया शॉट है. क्योंकि बॉलीवुड में वन नाइट स्टैंड के बाद हीरो-हीरोइन के जिंदगी में तूफान ही आता रहा है जैसा 'अराधना' में देखने को मिला था. शायद सिमरन के बस का यह रोग नहीं था.

मुझे भी आती है पहल करनी
शायरा बिंदास है. वह किस लेने में झिझकती नहीं है. बीच पर बिंदास घूमती नजर आती है, और वह प्रेजेंट में जीती है, और एकदम झकास और जब लड़का उसे खुली सड़क पर सरेआम लवशव का चैलेंज करता है तो वह पलक झपकते ही अपने रंग में आ जाती है. शायद इतनी बोल्डनेस 1990 के दशक की हिट फिल्म 'दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे' की सिमरन नहीं दिखा सकती.

बोल्डनेस में लड़कियां भी कम नहीं
अगर रणबीर भरी भीड़ में अंडरवियर में परेड कर सकते हैं तो वाणी उर्फ शायरा ने भी दिखा दिया है कि वे लाइब्रेरी की टेबल चढ़कर स्ट्रिप का नजारा पेश कर सकती हैं. दोनों को चादर लपेटकर भीड़ में भागते देख इशारा मिला जाता है कि शायरा किसी भी मायने में धरम से कम नहीं हैं. हालांकि सिमरन घरबाई और शरमाई-सी रहती है, और सारा काम राज के कंधों पर ही है. पलटकर देखने के जमाने अब हवा हो गए

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अब वे जमाने गए जब शाहरुख खान ये देखने का इंतजार करते थे कि अगर काजोल पलटेगी तो वे उनसे इश्क करती होगी. किसी जमाने में लड़कियों को अपनी आंखों से नापने वाले लड़कों को शायरा ने जवाब दे दिया है. पलटकर देखने का जमाना 1990 के दशक में हवा हो गया, यह जमाना तो लड़कों चेक आउट करने का है ...यानी शायरा का जमाना.

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