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प्रवासी मजदूरों के हालात पर अनुपम खेर ने शेयर किया वीडियो, सुनाई कविता

प्रवासी मजदूरों के पलायन की तस्वीरें दिल्ली और मुंबई से सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं. प्रवासी मजदूरों के पलायन पर एक्टर अनुपम खेर की भी प्रतिक्रिया आई है.अनुपम खेर ने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में प्रवासी मजदूरों का दर्द बयां करती एक तस्वीर सामने आई है.

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अनुपम खेर
अनुपम खेर

कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन 31 मई तक लागू कर दिया गया है. ऐसे में सभी लोग घर में हैं, लेकिन प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. लॉकडाउन में यातायात सुविधाएं बाधित होने के चलते प्रवासी मजदूर हजारों किलोमीटर अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं. प्रवासी मजदूरों के पलायन की तस्वीरें दिल्ली और मुंबई से सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं. प्रवासी मजदूरों के पलायन पर एक्टर अनुपम खेर की भी प्रतिक्रिया आई है.

अनुपम खेर ने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में प्रवासी मजदूरों का दर्द बयां करती एक तस्वीर सामने आई है. अनुपम खेर अपने इस वीडियो में कह रहे हैं, 'हो गया मजबूर इंसान दाने-दाने के लिए, चार कंधे भी नहीं अर्थी उठाने के लिए. छोड़कर आए थे पिछड़ा बोलकर जो गांवों को, किस कदर मजबूर हैं वो गांव जाने के लिए.'

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अनुपम खेर ने कहा, 'वो हमें पानी पिलाने तक को अब राजी नहीं हैं. खून बहाया है हमने जिनके कारखाने के लिए. गरदिश-ए-दौरान से मेरी थक गई है जिंदगी. मौत बस तू ही बची है आजमाने के लिए.'

अनुपम खेर ने आगे कहा, 'हो गया मजदूर अपने देश में ही दर-ब-दर. मौत ओढ़े फिर रहा है, जान बचाने के लिए. नींद है, न चैन है न जिंदगी की आस है, अब कहां मजदूर जाएं घर बसाने के लिए. हों मुबारक आपको शदाब खुशियों के महल, हम अभी जिंदा है अपना गम उठाने के लिए.'

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अनुपम खेर द्वारा सुनाई गई इस कविता को उन्होंने नहीं लिखा है, लेकिन उन्होंने इसे बिल्कुल अलग अंदाज में प्रस्तुत किया है. तस्वीरों के साथ बनाया गया ये वीडियो काफी पसंद किया जा रहा है.

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