फिल्म ‘पीपली लाइव’ के मशहूर गीत ‘महंगाई डायन खात जात है’ को लेकर चल रहे विवाद के बीच आमिर खान ने इस गीत के लिये अब 11 लाख रूपये की मांग कर रहे गीतकार और उनकी गायन मंडली को मुंबई बुलाया है. उनका आरोप है कि आमिर ने उन्हें पूरा मेहनताना नहीं दिया.
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के बड़वाई गांव में रहने वाले माध्यमिक शाला के शिक्षक गयाप्रसाद प्रजापति ने यह गीत ‘सखी सैंया तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खात जात है’ लिखा है और अपनी मंडली के साथ गाया भी है. यह गाना तब चर्चा में आया जब विपक्षी दलों में महंगाई के मसले पर सरकार को घेरने के लिये इसके इस्तेमाल की गुजारिश की लेकिन आमिर ने इंकार कर दिया था.
प्रजापति ने बताया, ‘यहां पर लोग शूटिंग के लिये आये थे. हम अपनी मंडली के साथ ये गाना गाते थे जिसे उन्होंने फिल्म में इस्तेमाल करने की बात कही. हमें बताया गया कि आमिर खान की फिल्म है जिसमें तुम्हारा गाना इस्तेमाल होगा. हमें क्या ऐतराज हो सकता था.’ उन्होंने बताया, ‘हमें और 11 गायकों को कुल 1100 रूपये दिये गए. हमें लगता है कि एक गीतकार को जो रकम मिलनी चाहिये, उससे यह बहुत कम है. हमने तो इसे आवाज भी दी है. हम चाहते हैं कि हमें 11 लाख रूपये का भुगतान किया जाये.’
प्रजापति ने बताया कि उनकी मांग सुनने के बाद आमिर ने उन्हें मुंबई बुलाया है और वह अपने दो साथी गायकों के साथ मुंबई जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें बताया गया कि आमिर ने मुंबई मिलने बुलाया है. पहले 11 जुलाई को जाना था लेकिन टिकट नहीं मिल सका. अब हम आज पहुंच रहे हैं. देखते हैं कि आमिर क्या कहते हैं. हमें उम्मीद है कि वह हमें वाजिब मेहनताना देंगे.’ उन्होंने बताया कि उनकी मंडली में 11 सदस्य हैं और 11 लाख रूपये सभी आपस में बांट लेंगे.
छह करोड़ की लागत से बनी ‘पीपली लाइव’ के अधिकांश हिस्से की शूटिंग बड़वाई गांव में ही हुई है. गरीबी से जूझ रहे इस गांव के लोग नुक्कड़ चौक पर मंडली के रूप में गा बजाकर अपना मनोरंजन करते हैं. प्रजापति ने कहा कि फिल्म की यूनिट यहां आई तो उन्हें गांव और अपने फन को पहचान मिलने की उम्मीद बंधी थी.
फिल्म में लोक गीतकार और गायक को उचित श्रेय नहीं देने का यह नया मसला नहीं है. इससे पहले गीतकार प्रसून जोशी पर आरोप लगा था कि उन्होंने दिल्ली 6 के मशहूर गीत ‘ससुराल गेंदा फूल’ को छत्तीसगढ के कवि गंगाराम शिवरे के गीत ‘ सास गारी देते, ननद मुहा लेने, देवर बाबू मोर’ से चुराया है. यह गीत पहले भुलवा राम यादव और बाद में जोशी बहनों ने गाया था.