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मेरा बॉलीवुड सफर धीमा मगर टिकाऊ: प्रतीक बब्बर

कई फिल्मों में मुख्य किरदार से इतर सह-कलाकार की भूमिका निभाने वाले प्रतीक बब्बर एकल अभिनेता के रूप में अपनी आगामी फिल्म ‘माय फेंड्र पिंटों’ को लेकर काफी उत्सुक हैं.

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कई फिल्मों में मुख्य किरदार से इतर सह-कलाकार की भूमिका निभाने वाले प्रतीक बब्बर एकल अभिनेता के रूप में अपनी आगामी फिल्म ‘माय फेंड्र पिंटों’ को लेकर काफी उत्सुक हैं.

‘जाने तू या जाने ना’ में अपने अभियन के लिए समीक्षकों की तारीफ बटोरने वाले प्रतीक का मानना है कि बॉलीवुड का उनका सफर धीमा लेकिन टिकाऊ है. प्रतीक ने कहा, ‘मुझे लगता है इंडस्ट्री में मेरा सफर धीमा लेकिन टिकाऊ है. मैं अनुभवहीन हूं लेकिन मैं काम करने का इच्छुक और उत्सकु हूं. मैं जो कर रहा हूं उसे मैं पसंद करता हूं और उसका आनंद लेता हूं. मुझे अलग-अलग किरदार निभाना पसंद है. मैं ऐसा काम करना चाहता हूं जिससे दर्शकों को आनंद मिले.’

वर्ष 2008 में ‘जाने तू-या जाने ना’ में जेनेलिया के भाई का किरदार निभाकर बॉलीवुड में अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले प्रतीक की इस फिल्म में उनके अभिनय के लिए काफी सराहना की गई और उन्हें कई पुरस्कार मिलें. इसके अलावा प्रतीक ने धोबी घाट, दम मारो दम, आरक्षण में भी सराहनीय भूमिका अदा की है.

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प्रतीक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘माय फेंड्र पिंटो’ को लेकर काफी हैं. मुख्य किरदार निभाने को लेकर यह उनकी पहली फिल्म हैं. उन्होंने कहा, ‘मुख्य कलाकार के रूम में फिल्म की सारी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है. मैं दबाव महसूस कर रहा हूं. लेकिन यह मजेदार और रोमांचक दबाव है.’

प्रतीक ने कहा, ‘जब तक फिल्म रिलीज नहीं हो जाती तब तक के लिए मैंने ब्रह्मचर्य का व्रत ले लिया है. फिल्म की रिलीज के पहले लोग कई काम करते हैं. कुछ लोग आशिर्वाद लेने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, कुछ चीजें दान करने का प्रण लेते हैं और मैंने ब्रह्मचर्य का फैसला किया है. मैं 24 का हूं और यह मेरी परीक्षा है और मुझे विश्वास है कि मै पास हो जाऊंगा.’

उन्होंने कहा, ‘फिल्म में मैं एकल भूमिका में या सहायक किरदार में होना मेरे लिए मायने नहीं रखता. सिर्फ पटकथा और किरदार अच्छा होना चाहिए.’ मॉय फ्रेंड पिंटो फिल्म 14 अक्‍टूबर को रिलीज होने वाली है. फिल्म को भंसाली ने प्रोड्यूज किया है और इसके निर्देशक राघव दर हैं.

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