साल 1983 में बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर की फिल्म वो सात दिन रिलीज हुई थी. बापू के निर्देशन में बनी ये फिल्म अनिल कपूर के करियर की शुरुआती कुछ फिल्मों में से एक थी. तब तक अनिल कोई बहुत बड़े सुपरस्टार नहीं थे और खुद को फिल्मी दुनिया के धरातल पर स्थिर करने की कोशिश कर रहे थे. फिल्म की रिलीज को आज 37 साल हो गए हैं और इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.
बोनी कपूर ने पद्मिनी कोल्हापुरे को साल 1982 में फिल्म वो सात दिन के लिए साइन कर लिया था. लेकिन फिर प्रेम रोग रिलीज हो गई जो कि जबरदस्त हिट साबित हुई. पद्मिनी सुपरस्टार बन गईं और उनकी डेट्स मिलना काफी मुश्किल काम हो गया था.
बिना पद्मिनी के फिल्म की शूटिंग कर पाना मुश्किल हो जाता तो ये जिम्मेदारी अनिल कपूर को दी गई थी कि लगातार पद्मिनी से मिलने की कोशिश करके उनके साथ शूटिंग की डेट्स अरेंज की जाएं. इसके लिए अनिल कपूर ने पद्मिनी को लजीज खाना खिलाया. ये परंपरा आज भी चल रही है. एक इंटरव्यू में पद्मिनी ने बताया था कि वो सात दिन से अब तक जब भी अनिल जी के यहां स्पेशल खाना बनता है तो मेरे लिए जरूर भेजते हैं.
कम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि बोनी कपूर ने ये फिल्म 1982 में पहले मिथुन चक्रवर्ती को ऑफर की थी. लेकिन मिथुन ने डिस्को डांसर के बाद अपनी फीस बढ़ा दी थी जिसके चलते ये फिल्म अनिल कपूर को मिली और अनिल ने इसमें जबरदस्त काम किया.
फिल्म के 37 साल पूरे होने पर अनिल कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पुरानी तस्वीर शेयर की है
जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा- "मैं हमेशा आगे देखता हूं, पीछे क्या हुआ
नहीं सोचता, पर जिंदगी में कुछ उपल्बधियां होती हैं जिन्हें आपको नहीं
भूलना चाहिए. वो सात दिन के 37 साल पूरे हुए."
फिल्म से जुड़ी एक दिलचस्प किस्सा ये भी है कि बोनी कपूर ने महज 201 रुपये में सतीश कौशिक को एक छोटा सा रोल करने के लिए साइन किया था.
अनिल कपूर जो कि सतीश को थिएटर में काम करता देख चुके थे उन्होंने बोनी से निवेदन किया कि वह उन्हें 300 रुपये ज्यादा दे दें.
फिल्म के जिस सीन में सतीश कौशिक को (वर्ली) मुंबई के एक मंदिर में फिल्माया गया था, कम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि उसी मंदिर में सतीश कौशिक को उनकी फीस दी गई थी जिसके चलते वो इस मंदिर को अपने लिए लकी मानते हैं.
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