कौरवों के सेनापति, परशुराम के शिष्य रहे द्रोणाचार्य महाभारत का एक अभिन्न अंग हैं जिनके बिना ये कथा कभी पूरी नहीं हो सकती. बी आर चोपड़ा के सीरियल महाभारत में भी द्रोणाचार्य के किरदार पर काफी जोर दिया गया था. इस किरदार के लिए उस वक्त एक्टर सुरेंद्र पाल को चुना गया था.
जिस किरदार के चलते सुरेंद्र पाल ने जबरदस्त लोकप्रियता अर्जित की, पहले वो खुद ये किरदार निभाने से बच रहे थे. सुरेंद्र पाल उस जमाने में द्रोणाचार्य जैसा बूढ़ा किरदार निभाना नहीं चाहते थे. उन्होंने इस रोल के लिए तुरंत मना कर दिया था.
एक इंटरव्यू में सुरेंद्र पाल ने खुद बताया कि उन्होंने महाभारत के ऑडिशन में जाने का फैसला लिया था. उन्हें गूफी पेंटल का फोन आया था. लेकिन वहां जब उन्हें द्रोणाचार्य का रोल दिया गया, वो काफी दुखी हो गए.
सुरेंद्र पाल ने बताया कि उनका इस किरदार को यूं मना करना महाभारत सीरियल के राइटर मासूम रजा को बिल्कुल भी रास नहीं आया. उन्होंने सुरेंद्र पाल को बुरी तरह लताड़ दिया. उस समय मासूम रजा ने सुरेंद्र को द्रोणाचार्य के रोल की ताकत भी बताई और ये भी बताया कि इस किरदार के बिना महाभारत बन नहीं सकती.
मासूम राज की लताड़ के बाद सुरेंद्र पाल ने द्रोणाचार्य के रोल के लिए हामी भर दी. सुरेंद्र पाल के मुताबिक उनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी, इसलिए इस रोल के जरिए वो अपनी आमदनी को कुछ बेहतर करना चाहते थे.
लेकिन जब महाभारत का दूरदर्शन पर प्रसारण शुरू हुआ, वो सीरियल देखते ही देखते सुपरहिट साबित हो गया. सीरियल में द्रोणाचार्य के रूप में दर्शकों ने सुरेंद्र पाल को सर आंखों पर बैठाया. उस उम्र में उन्होंने उस किरदार को इतनी शिद्दत के साथ निभाया, कि लोगों ने असल जिंदगी में भी उन्हें द्रोणाचार्य के रूप में ही पहचाना.
महाभारत को मिली सफलता के बाद सुरेंद्र पाल ने अपनी जिंदगी में कई मुकाम हासिल किए. उन्हें ना तो फिल्मों की कमी रही और ना ही टीवी सीरियल की. उन्होंने शक्तिमान सीरियल में किलविष का रोल कर हर किसी को इंप्रेस किया था.