ऑपरेशन मेफेयर से अपना फिल्मी डेब्यू करने जा रहीं एक्ट्रेस रितिका के लिए यह राह आसान नहीं रही है. बता दें, 14 साल पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर से मॉडलिंग और एक्टिंग का सपना लेकर रितिका अपने घर से निकलीं थीं. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत पर रितिका बताती हैं, जिस वक्त उनकी हिम्मत जवाब देने वाली थी, ठीक उसी वक्त उन्हें यह प्रॉजेक्ट ऑफर हुआ है. इसके अलावा रितिका हमसे अपने स्ट्रगल पर ढेर सारी बातें करती हैं.
चौदह साल बाद मिला पहला ब्रेक
ऑपरेशन मेफेयर फिल्म से जुड़ने पर रितिका बताती हैं, मुझे इंडस्ट्री में अपनी एक्टिंग की किस्मत आजमाते हुए लगभग चौदह वर्ष हो चुके हैं. सच कहूं, तो हिम्मत जवाब दे चुकी थी. मैं इनफैक्ट अपने बैकअप प्लान की तैयारी ही कर रही थी कि अचानक से ऑपरेशन मेफेयर के लिए मुझे कॉल आ गया. किरदार फाइनल हो जाने के बाद मैं बहुत रोई भी थी, ऐसा लगा था मानों मेरा वनवास पूरा हुआ है.
एक साल तक कॉल सेंटर में जॉब किया
अपनी जर्नी पर रितिका बताती हैं, मैं जबलपुर से बहुत कम उम्र में ही मुंबई आ गई थी. यहां कॉलेज में दाखिला भी लिया था ताकि मैं पढ़ाई के साथ-साथ पैशन भी फॉलो कर सकूं. मैं कथक में ट्रेंड सर्टिफाइड डांसर हूं, मुझे बचपन से ही इन्हीं चीजों में मन लगता था. खैर, जब मुंबई आई, तो असल दुनिया का एहसास हुआ. मैं खुद के बल पर पैसे कमाना चाहती थी, तो शुरुआत के समय में कॉल सेंटर में जॉब कर लिया. लगभग एक साल तक तो यही काम करती रही. फिर लगा कि नहीं, पैशन को पूरी तरह से फॉलो करना चाहिए. मैंने जॉब छोड़ दी, फिर मॉडलिंग और एक्टिंग में किस्मत आजमाने लगी.
रितिका आगे कहती हैं, यहां से मेरा असल इम्तिहान शुरू हुआ था. मैंने इस दौरान हजारों ऑडिशन दिए होंगे. कई रिजेक्शन झेले हैं. अगर आप आउटसाइडर हों, तो आपको पता नहीं होता है कि एंट्री कैसे ली जाए. अब मैं बहुत स्ट्रॉन्ग हो गई हूं. मैंने पहले ही सोच लिया था कि प्रोजेक्ट्स लूंगी, तो अपनी मेहनत के दम पर ही, मैं कभीभी समझौता नहीं करने वाली हूं. आज देखें, भगवान ने देर से ही सही लेकिन मेरी सुनी जरूर है.
मैंने उस किरदार के लिए बाल रंगा लिए लेकिन कॉल नहीं आया
रितिका बताती हैं, ऑडिशन में रिजेक्शन होना तो आम बात है. लेकिन एक बार मैं सिलेक्ट होकर रातों-रात रिप्लेस भी हुई थी. एक बड़े प्रॉजेक्ट में मुझे सपोर्टिव किरदार का रोल मिला था. प्रोडक्शन हाउस बड़ा था, तो मैं काफी खुश थी. मेरा लुक टेस्ट सबकुछ फाइनल हो चुका था. एक महीने में शूटिंग भी शुरू होनी थी. अपने किरदार के लिए मुझे एक स्पेसिफिक रंग में बालों को कलर करना था. मैंने वो तक कर लिया. शूटिंग स्टार्ट होने में केवल एक हफ्ते ही बचे थे, तब तक कोई कॉल नहीं आया, फिर भी मैं इंतजार में थी. अचानक से देखती हूं कि फिल्म की शूटिंग मेरे बिना शुरू हुई है और मेरी जगह कोई और शूट कर रहा है. मैंने उस डायरेक्टर से फिर कभी बात ही नहीं की. मैंने सफाई तक मांगना मुनासिब नहीं समझा, उस सिचुएशन को अपनी किस्मत समझकर एक्सेप्ट कर लिया था.