एक दशक पहले कैटफिश नाम की चर्चित फिल्म बनाने के बाद डायरेक्टर हेनरी जूस्ट और एरियल स्कूलमेन अपनी नई फिल्म लेकर आ चुके हैं. हॉलीवुड एक्टर जेमी फॉक्स और जोसेफ गोर्डन-लिवेट स्टारर इस फिल्म का नाम प्रोजेक्ट पॉवर भले ही है, लेकिन इसमें ज्यादा दम नहीं है. नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इस फिल्म की कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि इंसान अपनी पूरी ताकत के साथ अपने काम को पूरा नहीं करता. अगर आपको फिल्म लिमिटलेस और लूसी याद हो तो आप इस बात को बेहतर समझेंगे. हालांकि जूस्ट और स्कूलमेन की ये फिल्म थोड़ी कम प्रभावशाली लगती है.
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म में तीन लीड किरदार दिखाए गए हैं, जो एक दूसरे से न्यू ओरलेंस में टकराते हैं. यहां छोटे अश्वेत बच्चों से गली-गली ड्रग्स बिकवाया जा रहा है. ये कोई मामूली ड्रग नहीं है बल्कि इसकी एक गोली लेने से ही इंसान के अन्दर अलग ही सुपर पॉवर आ जाती है. लेकिन ये पॉवर सिर्फ 5 मिनट ही रहती है. एक नारकोटिक्स डिपार्टमेंट का पुलिसवाला फ्रैंक (जोसेफ गोर्डन-लिवेट) इस ड्रग की बिक्री को बंद करने के लिए काम कर रहा है. जो बात फ्रैंक के बॉस को नहीं पता वो ये है कि फ्रैंक खुद भी इन्हीं पॉवर पिल्स का इस्तेमाल कर रहा है.
कैसी है फिल्म?
वहीं दूसरी तरह जेमी फॉक्स एक रहस्यमयी आदमी के रोल में हैं, जो अपनी गुमशुदा बेदी की तलाश में लोगों के मर्डर कर रहा है. फिर इन दोनों किरदारों को एक बड़ी बात का पता चलता है कि कैसे रोड्रिगो सांतोरो नाम का विलेन इन पॉवर पिल्स के बिजनस को पुरी दुनिया में फैला देना चाहता है. इसके बाद इन तीनों के रास्ते मिलते और लगभग हर सुपरहहीरो फिल्म की तरह ये फिल्म आगे बढ़ती है. इस फिल्म का CGI और बेहतर हो सकता था.
लेखक Mattson Tomlin ने इस फिल्म की कहानी को काफी दिलचस्प तरीके से लिखा है. हालांकि ये फिल्म उसे ढंग से प्रदर्शित नहीं कर पाई. इस फिल्म के स्क्रीनप्ले के जरिए Mattson ने अपने सुपरहीरो और सुपरहीरो सिनेमा के प्रति प्रेम की ओर जरूर इशारा किया है. फिल्म पॉवर प्रोजेक्ट में ह्ल्क के साथ-साथ कई और कॉमिक बुक रिफरेन्स भी दिए हैं, जो कि काफी सही हैं. फिल्म प्रोजेक्ट पॉवर को नेटफ्लिक्स पर छाने के लिए और मेहनत करनी पड़ेगी.