फिल्म का नाम: Uवा
डायरेक्टर: जसबीर भाटी
स्टार कास्ट: ओम पूरी, जिमी शेरगिल, संजय मिश्रा, संग्राम सिंह, विक्रांत राय, रोहन मेहरा, लविन गोठी, मोहित बघेल
अवधि: 137 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 0.5 स्टार
समाज के अलग-अलग मुद्दों पर कई बार फिल्में बन चुकी हैं और उन्हीं में से एक अहम विषय पर एक बार फिर से फिल्म बनाई गई है, जिसका नाम Uवा है. यह 'युवा' ही है बस लिखने का ढंग अलग सा है. वैसे तो इस फिल्म के साथ कोई सुपर स्टार, या बड़ा नाम नहीं जुड़ा है, लेकिन क्या ये फिल्म आपको थिएटर तक खींचने में सफल हो पाएगी , इसका पता लगाने के लिए आइए फिल्म की समीक्षा करते हैं:
कहानी:
Uवा 5 दोस्तों सलमान, दीनबंधु, विक्रम, राम और अनिल की कहानी है, जो दिल्ली से सटे नोएडा में रहते हैं और एक साथ स्कूल जाया करते हैं. पढ़ाई लिखाई से दूर-दूर तक इनका नाता नहीं है, फिर भी घर वाले इनका एडमिशन एक बड़े और अंग्रेजी स्कूल में करवा देते हैं. फिर इनकी शरारतों के साथ-साथ एक रात कुछ ऐसी घटना घट जाती है, जिसके कारण इन सभी लड़कों की जिंदगी बदल जाती है. जो गुनाह इन युवाओं ने किया ही नहीं उसकी भी सजा भुगतने पर मजबूर हो जाते हैं.
अलग-अलग घटनाक्रमों में इनका सामना पुलिस तेजवीर सिंह (जिम्मी शेरगिल) और जज (परीक्षित साहनी) से भी होता है और आखिरकार व्यय के लिए इन युवाओं को लड़ना पड़ता है.
स्क्रिप्ट, अभिनय:
फिल्म का विषय तो पुराना ही है, लेकिन उसे पेश करने का ढंग भी कुछ नया नहीं हो पाया है. स्क्रीनप्ले काफी कमजोर है और कुछ किरदारों को छोड़कर बाकी ओवर एक्टिंग करते हुए नजर आते हैं. फिल्म काफी बड़ी है और पेश करने का ढंग इसे और भी बोरिंग बनाता है और एक वक्त के बाद आप सीरियस सीन पर भी अपनी हंसी रोक नहीं पाते हैं.
फिल्म में हिंदी टीचर बने संजय मिश्रा, और सलमान के किरदार में मोहित भाघेल कहीं-कहीं आपको हंसाते हैं, लेकिन कुछ किरदार ऐसे भी हैं जो भरसक कोशिश करते हैं की आप थोड़ा भी मुस्कुरा दें, लेकिन उनका प्रयास असफल ही रहता है. टीवी के बिग बॉस जैसे रियलिटी शो वाले संग्राम सिंह का अभिनय एक कोच के रूप में काफी फीका सा लगता है और वहीं तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के राजा अवस्थी उर्फ जिमी शेरगिल भी इक्का दुक्का सीन में आपको एक्ट करते हुए नजर आते हैं. फिल्म में कई नए चेहरों को जगह दी गयी है, जिसका फायदा इन एक्टर्स को आने वाली फिल्मों में जरूर मिलेगा.
संगीत:
फिल्म का एक भी गीत ऐसा नहीं है, जो आपको अपनी तरफ खींचे और फिल्म के दौरान यह गाने तर्कहीन से लगते हैं.
क्यों देखें:
इस फिल्म रिव्यू में ऊपर लिखे एक्टर्स के अगर आप जबरदस्त फैन हैं तो थिएटर तक जरूर जाएं.
क्यों ना देखें:
कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिन्हें आप टीवी के रिमोट को लेकर चैनल बदलते वक्त टुकड़ों-टुकड़ों में देख सकते हैं और यह उसी तरह की फिल्म है. आप अपने अमूल्य समय और पैसे का प्रयोग इस वीकेंड किन्हीं और कामों पर कर सकते हैं.