रेटिंगः 3.5
कलाकारः अनुष्का शर्मा, नील भूपलम, दीप्ति नवल और दर्शन कुमार
डायरेक्टरः नवदीप सिंह
ये गुड़गांव में जहां आखिरी मॉल खत्म होता है न, वहीं आपकी ये डेमोक्रेसी और कंस्टीट्यूशन भी खतम हो जाता है...यह लाइन पूरी फिल्म को बयां कर देती है. जैसे ही आखिरी मॉल खत्म होता है, वैसे ही दबंग लोगों की दुनिया की शुरुआत होती है और उसमें किसी आम आदमी का दखल देना कितना घातक हो सकता है, इसी को लेकर है फिल्म NH 10 .
ऐसी फिल्म जो हर फीमेल ऐक्टर का ड्रीम होती है, उसे अनुष्का शर्मा ने खुद प्रोड्यूसर बनकर पूरा किया है. एक ऐसा कैरेक्टर रचा जो हर औरत बनने का ख्वाब देखती है. बेशक कोई भी औरत ऐसे हालात का हिस्सा नहीं बनना चाहती है लेकिन मौका अगर पड़ ही जाए तो अच्छे-अच्छों की पतलून ढीला करना की कूव्वत भी रखती है. बॉलीवुड में इस साल बदला लेने वाली फिल्मों का दौर है. 'बदलापुर' हिट रही है और अब अनुष्का भी रिवेंज मूवी के साथ आई हैं, जो एक लड़की के हौसलों को दिखाती है और इस वीकेंड इस फिल्म को देखना तो बनता है.
कहानी में कितना दम
कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाला मॉर्डन दौर का जोड़ा है अनुष्का शर्मा और नील भूपलम का. काम बढ़िया चल रहा है. जीवन में मस्ती चल रही है. ऐसे ही एक दिन दोनों मस्ती के लिए निकलते हैं. लेकिन हाइवे पर एक घटना घटती है और फिर कुछ ऐसा होता है कि दोनों उस घटना के पात्र बन जाते हैं. फिर, पुरुष प्रधान समाज है. उसकी क्रूरता है. एक औरत का उस क्रूरता के साथ उतनी ही क्रूरता से निबटने की कहानी है. फिल्म की स्क्रिप्ट काफी टाइट है. डायरेक्शन बढ़िया है. फिल्म की लंबाई भी लगभग दो घंटे की है जिससे पूरी फिल्म दर्शकों को बांध कर रखती है. कई सीन तो रौंगटे खड़े कर देते हैं.
स्टार अपील
अनुष्का शर्मा ने बॉलीवुड में शीरो की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है. वह अभी तक चुलबुली लड़की के ही किरदार करती आई हैं लेकिन इस बार उन्होंने दिखा दिया है कि वह एक्शन के जरिए भी धमाल कर सकती हैं. यह उनकी आज तक की बेहतरीन परफॉर्मेंस है. नील भूपलम एकदम सामान्य किरदार में हैं. कुछ भी विलक्षण नहीं. लेकिन दर्शन कुमार सरप्राइज पैकेज हैं. उनका हरियाणवी अंदाज और क्रूरता, देखने लायक है. मैरी कॉम में भारत की महान बॉक्सर मैरी के पति के रोल के बाद यह किरदार दर्शन को काफी आगे ले जाता है. दीप्ति नवल की ऐक्टिंग भी ठीक है. सबसे बड़ा कमाल नवदीप का डायरेक्शन है.
कमाई की बात
फिल्म का बजट बहुत बड़ा नहीं है और यह हीरोइन ओरियंटेड फिल्म है. कहानी स्ट्रॉन्ग है और मॉडर्न दौर में फिट बैठती है. दर्शकों और खासकर हर वर्ग को कनेक्ट करने वाला मसाला भी है. फिल्म को रिलीज करने का समय भी सही है. अनुष्का का एक्शन कमाल है. लेकिन सिर्फ इतनी बात है कि इसे ए सर्टिफिकेट मिला है. ऐसे में वर्ड ऑफ माउथ फिल्म के लिए करिश्माई काम कर सकता है. हमारा तो इतना ही कहना है कि इस 'एनएच-10' पर एक बार निकलना तो बनता है.