स्टार: 1.5
कलाकार: हरमन बवेजा, सनी देओल और आयशा खन्ना
डायरेक्टर: सनमजीत सिंह तलवार
बॉलीवुड का चलन रहा है कि किसी शुक्रवार सूखा तो किसी शुक्रवार बाढ़. पिछले कुछ दिनों से ऐसा ही चल रहा है. इस हफ्ते भी बॉक्स ऑफिस पर तीन फिल्मों ने एक साथ दस्तक दी है. यंगिस्तान, ओ तेरी और ढिश्कियाऊं रिलीज हो गई हैं. ढिश्कियाऊं से शिल्पा शेट्टी बतौर प्रोड्यूसर दर्शकों के सामने मौजूद हैं. सनी देओल और हरमन बवेजा एक साथ ऐक्शन करते नजर आ रहे हैं. बेशक हरमन के लिए बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी काफी मायने रखती है लेकिन ढिश्कियाऊं वह फिल्म नहीं जो बॉलीवुड में दोबारा उनके कदम जमा सके. हालांकि फिल्म में वे औसत लगे हैं. सनी देओल रूपी सहारा भी उन्हें काफी आगे लेकर नहीं जाता है. फिल्म का खराब म्यूजिक और बोझिल ट्रीटमेंट भी कोई उम्मीद नहीं जगाता है. सनमजीत सिंह तलवार का डायरेक्शन भी कमजोर है.
कहानी में कितना दम
विकी (हरमन) का बचपन मुश्किलों भरा रहा है. मां नहीं थी पिता का उस तरह का साथ नहीं मिल पाता और स्कूल में खूब भद पिटती है. इस तरह वह अपराध की दलदल में धंसता जाता है. बस फिर अंडरवर्ल्ड की हमेशा जैसी कहानी शुरू हो जाती है. कमजोर कहानी फिल्म को बोझिल बना देती है. न तो डायलॉग मजा देते हैं और न ही ऐक्शन ही दांतों तले उंगलियां दबाने के लिए मजबूर कर देता है. सब कुछ औसत से भी कमतर है.
स्टार अपील
हरमन बवेजा आखिरी बार 2009 में व्हाट्स योर राशि में नजर आए थे. फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हश्र हुआ था. लेकिन यह फिल्म भी उनके लिए कुछ खास उम्मीदें नहीं जगाती है. ऐक्टिंग के मामले में उन्होंने कुछ भी उल्लेखनीय नहीं किया है. सनी देओल जमते हैं, लेकिन फिल्म हरमन की है उनकी नहीं. प्रोड्यूसर शिल्पा शेट्टी ने आइटम सांग करके कुछ कोशिश की लेकिन उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है, जो आह भरने के लिए मजूबर करे. नई हीरोइन आयशा खन्ना भी फिल्म में गर्माहट नहीं ला पाती हैं.
कमाई की बात
इस हफ्ते तीन फिल्में रिलीज हो रही हैं. ऐसे में ढिश्कियाऊं का मुकाबला कॉमेडी ओ तेरी और पॉलिटकल ड्रामा यंगिस्तान से है. जिस तरह की फिल्म की कहानी है और यूथ को अपनी ओर खींचने वाला कोई फैक्टर नहीं है, उसके चलते फिल्म से कुछ ज्यादा उम्मीदें नहीं है. कोई चमत्कार हो जाए तो बात नहीं लेकिन फिल्म में ऐसा कुछ नहीं जिसकी वजह से इसको याद रखा जा सके. बैड चॉयस हरमन.